...

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राज
आई हवा
छन भर में
उजड़ गया
सब कुछ छीन भिन्न भिन्न हो
खो गया
सब कुछ मेरा
ला दो ना
घर संसार मेरा
कई गहरे राज़ समेटे हुए है जो
खोल दो ना
सारे सपने जो देखें थे
बच्चो के लिए कहा खो सा गया है
कई रूपों में छुपी मेरी ज़िंदगी लिखीं जानें वाली कहानी थी
अपनो से पहचाने जाने वाले हैं

कई दर्द को सीने में चिंगारी सा हो पर दबा
अपनो के सामने एक मीठा सा हस्ता हुआ
मालूम होता सा
रिश्ता जोड़ कर चलने वाले मैं था

कई बार टूट टूट कर भिखर जो गया था
समेत कर
गलती हज़ार कर मैं और अपने
पर देख समझ कर
सवार लेते थे
पर कुछ गलत फेमी और बाहरी कड़ियां सुन
बात विचार व्यक्त किए और बोले गए कुछ विचार।

बसा बसाया घर आ उजड़ सा गया
मैं आ एक जगह कैद हुआ
कई गहरे राज़ समेटे हुए
ख़ुद मैं खोह सा गया हो

कई सवाल खड़े हुए
अपनो के सामने कई मुस्किले
करता है कई कोशिश आन मुझे बाहर लाने को
साबित कर मुझे निर्दोष

जिस को समझा था बेकार सा
आज हिरा बन
कर रहा पल पल भर परियाश
नई उम्मीद भर देखना आजाद

आ बहुत सवालों का जवाब देना हैं
अपनो के साथ जो किया गैरो सा बात व्यवहार
वही जर्म सीमा पार मिला कई से
दिया सबको हंसाने वाले चेहरे के पीछे कई राज़।
राज़ समेटे हुए हू कई

बबिता कुमारी
© story writing