विधी का विधान
श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किया गया था फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ न ही राज्याभिषेक।
और जब मुनि वशिष्ठ से इसका जवाब मांगा गया तो उन्होंने साफ कह दिया।
"सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहूं मुनिनाथ।
लाभ हानि, जीवन मरण, यश अपयश विधि हाथ।।"
अर्थात जो विधि ने...