खूसूरत एहसास
ये कहानी लीना की है
जो अकेली अपनी मौसी के पास रहती है
उसकी माँ और पिता अब इस दुनिया मे नहीं है
लीना कि उम्र 12 साल की है
वो बहुत खुश मिजाज है लीना की मौसी उसे उसके दादा के पास ले जाती है
उसके दादा गरीब किसान और मेहनती हैं और पहाड़ो में रहकर खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं उम्र के आखरी पड़ाव में वो अकेले ही रहते हैं
लीना जब दादा के पास पहुंचती है तो उसके दादा घर का दरवाजा बंद कर देते हैं
लीना की मौसी उसे बाहर छोड़कर ही चली जाती है ,,रात होने पर तूफान आता है और बारिश भी लीना अपने दादा के अस्तबल में रात गुजारती है
सुबह जब उसके दादा अस्तबल में प्रवेश करते हैं तो लीना को देखते ही कहते हैं कि तुम चली जाओ यहाँ से ,लीना भावकु हो जाती है और दादा से कहती है मैं आपके साथ रहूंगी दादा जी...
जो अकेली अपनी मौसी के पास रहती है
उसकी माँ और पिता अब इस दुनिया मे नहीं है
लीना कि उम्र 12 साल की है
वो बहुत खुश मिजाज है लीना की मौसी उसे उसके दादा के पास ले जाती है
उसके दादा गरीब किसान और मेहनती हैं और पहाड़ो में रहकर खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं उम्र के आखरी पड़ाव में वो अकेले ही रहते हैं
लीना जब दादा के पास पहुंचती है तो उसके दादा घर का दरवाजा बंद कर देते हैं
लीना की मौसी उसे बाहर छोड़कर ही चली जाती है ,,रात होने पर तूफान आता है और बारिश भी लीना अपने दादा के अस्तबल में रात गुजारती है
सुबह जब उसके दादा अस्तबल में प्रवेश करते हैं तो लीना को देखते ही कहते हैं कि तुम चली जाओ यहाँ से ,लीना भावकु हो जाती है और दादा से कहती है मैं आपके साथ रहूंगी दादा जी...