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सारा और सलीम की रिश्ता।

में सारा,ये मेरी कहानी हे | मुझेे बहुत सारे दोस्त हे|मेरी दोस्तो ने मेरी परिवार भी हे | उसमे से एक खास दोस्त हे सलीम........में और सलीम ने 15 साल की दोस्ती निभाया हे | जान देने की वादा सब देती हे | जान तो वो मेरेलिए दिया वो कभी मुझसे भूल ना पाए | एक दिन कुछ लोग हमारी स्कूल में ज़ोर ज़बरदस्ती की........सारी विद्यार्थियों और अध्यापक को मारना शुरू की........उसमेसे एक मेरी तरफ चाकू लेकर आ गई | वो बुधुने मेरी जान बचाने केलिए आगे आया और वो चाकू को अपना सीना दिखाया | मेरी जान बेचाने केलिए अपने जान को गवादिया वो पकाल लड़का ने......उसे में कैसे भूल जावु ? तुमारी तरह एक दोस्त मुझे मिला तो में किस्मतवाली ही हे | में सोचा भी नही था तेरा मौत का जीमादार में होगी | आज भी मुझे याद हे , तुम अक्रि बार मुझे देखा हे......तभी तेरी आंखों में मेरेलिये वो पर्व में देखा हे | तुम मेरी मां को अपनी बेटी,अपनी खुशियां सब दिए पर तेरा मां तो अपनी बेटे को कुरबान दिया वो भी मेरी जान बचाने केलिए ,क्यों? ........कभी उम्माने मुझसे बोला नही तेरी वजसे मेरा बेटा इस दुनिया में नही | में उम्मासे पूछा क्यों आप मुझसे कभी नाराज़ नही था? उम्मानें बोला "कूदा ने बेटे की जान की बदले एक बेटी को मुझे दिए " | तब से वो मेरी मां बन गया | पर आज भी तुमारा शक्ल में भूलती नही हे | मेरी चेहरेकी वो हस्ती उस दिन तुमारे मौत की सामने गया पर वो हस्ती खेलती जिंदगी की जरूरत उम्माने मुझे सिखाया और वो लौटया भी | मुझे नहीं पता खुदकी भाई हो तो हैसा करता हे? पता नही.......आज में तेरी जैसा 3 लोगों को देखा , में आवाज़ भी दिया पर कोई भला नही हुआ | में वो बात उम्माक्को बताया वो बोला वो तीनों तेरा भाई ही हे | पहली भाई का नाम हे समीर उसका बीवी रसिया , दूसरा भाई हे सिद्धार्थ वो एक डॉक्टर हे उसका बीवी हे सीता वो भी डॉक्टर हे , तीसरा भाई हे रमन वो एक CEO हे उसका बीवी ही इशिथा वो भी एक डॉक्टर हे | सब लोग मुझसे बोला में बिल्कुल सलीम की तरह बन गाया | में कभी सोचा भी नही में तेरा तरह बन सकती हूं पर हा बन गई | तुमरा मां बाप की ओलात , भाईयों केलिए बहन , भाभीस केलिए ननद सब बन गई | तुमारा तरह सबकी क्याल भी रखा हे | एखी घर में सब लोग एक सात खुशीस रहा हे | तेरा स्वपन पूरा करने केलिए कोशिश कर रहा हे | तेरी जैसे में बन गई पर तुम नही | मेरी कोशिशों को देखकर सब खुश हे | अब में तुमसे वादा करता हूं , में तेरा परिवार हमेशा जोड़कर रखूंगा और में तेरा स्वपना पूरा करूंगा एक अच्छा समाज केलिए तुमारा तरह लड़ाई करूगी और वो खुशीसे भरूंगा |
यहा कभी सारा और सलीम की दोस्ती अंत नहीं क्योंकि सारा अभी भी वो दोस्त केलिये और वो दोस्ती केलिए जी रही हे
|...........इस कथा से हम सबको पता चलता हे कोई भी रिश्ता कमस्जोर नही हे सारी रिश्तों को इसत से देखलूंगी तो अच्छा ही होगा....................सब रिश्ते में भी एक सच्चाई ही हे सच्चा वाला रिश्ता कभी चुड़ता नही हे ||||..........