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✨ सत्यता ✨
उधव जी भगवान श्री कृष्ण जी के बहुत अच्छे मित्र थे वो बहुत ज़्यादा ज्ञानी थे अर्थात् उनके पास अपार ज्ञान था किन्तु वे प्रेम पर विश्वास नहीं करते थे और उनको ये सब चीज़ें समझ नहीं आती थी मतलब ... सब झूठ लगता था उनको।।
एक बार क्या हुआ कि उधव जी नन्द जी ( भगवान श्री कृष्ण जी के पिता जिन्होंने उन्हें पाला था)के पास गए.... नन्द जी काफ़ी दुःखी थे उस समय क्योंकि भगवान श्री कृष्ण उन सबको छोड़ कर जा चुके थे, तब उधव जी उनसे कहते हैं कि आप दुःखी मत होइए, ये प्रेम मोह ये सब कुछ नहीं होता आप जिसको अपना बेटा समझ रहे हैं वो actuall में आपका बेटा है ही नहीं वो तो परम् ब्रह्म हैं वो स्वयं ईश्वर हैं उनको जाना ही था वो केवल अपना...