अर्जुन
भाग-10
कमरे में एकदम सन्नाटा छाया हुआ था। असमी ने अपनी चुपी तोड़ते हुए धीमी सी आवाज में पूछा,
असमी–क्यों आई हैं आप अब यहां पर
देवकला ने हैरानी से असमी की और देखा और खड़ी होकर उसके पास चली गई, उसने इसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और बोली
देवकला – क्यों क्या तुम अपनी नानी को देखकर खुश नही हो
असमी थोड़ा सा मुस्कुराई पर उसकी आंखे आंसुओ से भरी हुई थी उसने देवकला की आंखो में देखा और बोली
असमी –खुश , होती जरूर...
कमरे में एकदम सन्नाटा छाया हुआ था। असमी ने अपनी चुपी तोड़ते हुए धीमी सी आवाज में पूछा,
असमी–क्यों आई हैं आप अब यहां पर
देवकला ने हैरानी से असमी की और देखा और खड़ी होकर उसके पास चली गई, उसने इसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और बोली
देवकला – क्यों क्या तुम अपनी नानी को देखकर खुश नही हो
असमी थोड़ा सा मुस्कुराई पर उसकी आंखे आंसुओ से भरी हुई थी उसने देवकला की आंखो में देखा और बोली
असमी –खुश , होती जरूर...