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मास्टरमाइंड (भाग 7)
अभी काव्या कुछ कहने ही वाली होती है कि राम जी अंडा खा लेते हैं...... राम जी को अंडा खाते देख काव्य को उतनी हैरत ​​नहीं होती है जितनी उसे इस बात से होती है कि उन्हें कुछ हुआ क्यों नहीं... क्योंकि अंडा खाते ही राम जी को रिएक्शन होने लगता था और उनकी तबीयत बहुत खराब हो जाती थी।

काव्या: पापा मुझे दूध का गिलास पास करेंगे।
राम: ठीक है।

अगले दिन....

राम: काव्या.. तुम्हारी माँ कहाँ है, दिखाई नहीं दे रही है...?
काव्या: वो सुबह मामा आये थे तो उनके साथ चली गई... कुछ दिनों बाद वापस आएंगी।
राम: अच्छा। और तुम... तुम ऑफिस के लिए कब निकल रही हो?
काव्या: ऑफिस में कोई काम नहीं है तो मैं यहीं रहूंगी कुछ दिन, आपके पास, आपका ध्यान रखने के लिए।
राम: क्यों...? तुम्हारे दोस्त के केस का क्या हुआ?
काव्या: वो तो हल हो गया..... उसे उसके बॉयफ्रेंड ने मारा था पर कोई सबूत न मिलने की वजह से...

तभी काव्या के घर की घंटी बजती है, काव्या दरवाजा खोलती है तो राज को देखकर चौंक जाती है...

काव्या: तुम? तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
राज: मैंने रात को कहा था न कि मैं तुम्हें यहां अकेला नहीं छोड़ सकता....
काव्या: लेकिन...
राम: काव्या कौन है?
काव्या: वो पापा... मेरा असिस्टेंट है.... यहां कुछ दिन रहने आया है।

काव्या राज को नकली राम से मिलवाती है और उसके बाद राम थाने के लिए निकल जाता है। काव्या और राज नकली राम के सामने ऐसे दिखावा करते हैं जैसे उनको उसके बारे में कुछ पता ही नहीं है.... और उसके जाने के बाद पूरे घर की तलाशी लेते हैं पर उन्हें कुछ भी नहीं मिलता है...

वहीं दूसरी तरफ पुलिस मुख्यालय में एक मीटिंग रखी गई होती है जिसमें कई पुलिस शामिल हुई होते है... जिसमे थानेदार राम और इंस्पेक्टर ऋषि भी थे। मीटिंग में एक आदमी के ऊपर चर्चा चल रही थी जिसे मास्टरमाइंड के नाम से जाना जाता है।

कमिश्नर: हमारे सूत्रों से पता चला है कि मास्टरमाइंड का टारगेट इस बार इंडिया है। वह इंडिया में कुछ बड़ा करने वाला है...
इंस्पेक्टर ऋषि: मास्टरमाइंड...?
कमिश्नर: मास्टरमाइंड एक नाम है... एक ऐसे इंसान का जिसे किसी ने कभी नहीं देखा है और न ही उसके बारे में कुछ जानता है। वह पूरी दुनिया में मास्टरमाइंड के नाम से मशहूर है... हत्या, अवैध हथियार की आपूर्ति, मानव तस्करी, हमले करवाना आदि जैसे काम उसका मुख्य व्यवसाय है।
इस बार इंडिया उसका टारगेट है पर इंडिया में उसका टारगेट क्या है.... इसके बारे में कुछ नहीं पता चल पाया है.... और हमें यही पता लगाना है।

कमिश्नर मास्टरमाइंड के बारे में मीटिंग में पूरी जानकारी से बताते हैं और फिर....
कमिश्नर: जहांगीरपुरी केस का क्या हुआ?? इंस्पेक्टर राकेश और पुलिस की वैन का कुछ पता चला....?
इंस्पेक्टर ऋषि: सर, पुलिस की वैन और दोनों कांस्टेबल की लाश कल एक सड़क पर मिली, पुलिस उपकरण और इंस्पेक्टर राकेश का अभी तक कुछ पता नहीं चला है..... छानबिन चल रही है... हम जल्द ही गुनेगर को पकड़ लेंगे।

रात में, नकली राम किसी को फ़ोन करता है...

राम: काव्या को शक हो गया है या फिर शायद पता चल गया है कि मैं राम नहीं हूं।
दूसरा आदमी: कैसे ? इतनी सेफ प्लानिंग के बाद भी....
राम: पता नहीं... पर मैंने घर में लगाये कैमरे में देखा कि उसने मेरे घर से जाने के बाद घर की तलाश की थी और मेरे कमरे में एक कैमरा भी लगाया है...
दूसरा आदमी: फिक्र मत करो... बस 5 दिन की बात है।
राम: जोखिम लेने से अच्छा है हम उसके रास्ते से क्यों नहीं हटा देते?
दूसरा आदमी: उसे मारने में ज्यादा जोखिम है.... उसके नाना एक मिनिस्टर है और वैसे भी बेटी के मरने के बाद बाप यानी तुम काम पर तो नहीं जा सकते न..... और तुम्हारा काम पर जाना कितना जरूरी है ये तो तुम जानते ही हो।



To Be Continued...
#mastermind
© Sankranti chauhan