मास्टरमाइंड (भाग 7)
अभी काव्या कुछ कहने ही वाली होती है कि राम जी अंडा खा लेते हैं...... राम जी को अंडा खाते देख काव्य को उतनी हैरत नहीं होती है जितनी उसे इस बात से होती है कि उन्हें कुछ हुआ क्यों नहीं... क्योंकि अंडा खाते ही राम जी को रिएक्शन होने लगता था और उनकी तबीयत बहुत खराब हो जाती थी।
काव्या: पापा मुझे दूध का गिलास पास करेंगे।
राम: ठीक है।
अगले दिन....
राम: काव्या.. तुम्हारी माँ कहाँ है, दिखाई नहीं दे रही है...?
काव्या: वो सुबह मामा आये थे तो उनके साथ चली गई... कुछ दिनों बाद वापस आएंगी।
राम: अच्छा। और तुम... तुम ऑफिस के लिए कब निकल रही हो?
काव्या: ऑफिस में कोई काम नहीं है तो मैं यहीं रहूंगी कुछ दिन, आपके पास, आपका ध्यान रखने के लिए।
राम: क्यों...? तुम्हारे दोस्त के केस का क्या हुआ?
काव्या: वो तो हल हो गया..... उसे उसके बॉयफ्रेंड ने मारा था पर कोई सबूत न मिलने की वजह से...
तभी काव्या...
काव्या: पापा मुझे दूध का गिलास पास करेंगे।
राम: ठीक है।
अगले दिन....
राम: काव्या.. तुम्हारी माँ कहाँ है, दिखाई नहीं दे रही है...?
काव्या: वो सुबह मामा आये थे तो उनके साथ चली गई... कुछ दिनों बाद वापस आएंगी।
राम: अच्छा। और तुम... तुम ऑफिस के लिए कब निकल रही हो?
काव्या: ऑफिस में कोई काम नहीं है तो मैं यहीं रहूंगी कुछ दिन, आपके पास, आपका ध्यान रखने के लिए।
राम: क्यों...? तुम्हारे दोस्त के केस का क्या हुआ?
काव्या: वो तो हल हो गया..... उसे उसके बॉयफ्रेंड ने मारा था पर कोई सबूत न मिलने की वजह से...
तभी काव्या...