शीर्षक...
अक्सर किसी कविता या लेख को पढ़ते समय उसका "शीर्षक" नजरंदाज कर दिया जाता है। सारी प्रशंसा कविता ही लूट ले जाती है। जनाब कविता तो अंत में लिखी जाती है शीर्षक पहले सोचना पड़ता है! इसकी वजह ये होती है की कभी कभी हमारे...