#चिट्ठी
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी। निकिता धीरे-धीरे उस बड़ी लाइब्रेरी में बैठी हुई अपनी क़िताब को पलट रही थी, परंतु उसकी मन में तो सिर्फ सुप्रिया के आने का इंतज़ार था। चिट्ठी ने जैसे ही उसके हाथ लिया था, उसका दिल धड़क उठा था।
गहरी सोचों में डूबी...