...

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dream...
शहर के कोलाहल से दूर...नीरवता में गंगा की लहरों की आवाज़ सुनना चाहती हूं... मैं तुम्हारे सीने पर अपना सर रख उन लहरों के संगीत के साथ तुम्हारी धड़कन का संगीत सुनना चाहती हू .. उन धड़कनों में गूंजता मेरा नाम ..

और तुम खोए हुए अपनी...