भूख
आज सुबह सफाई कर्मी सुमन को मालूम पड़ा कि बहत्तर वर्षीय गीता आंटी रात में चल बसी। उनके अंतिम संस्कार के लिए लोग जमा हुए थे। हाथ में झाडू थामे सुमन, उनकी अर्थी की ओर टकटकी बांधे खड़ी थी। मुट्ठी भर पंखुड़ी अर्थी पर बरसा कर, सुमन उसकी यादों में खो गई।
हमेशा टोकती थी "ऐ सुमन, कैसी झाडू लगाती है। सारा...
हमेशा टोकती थी "ऐ सुमन, कैसी झाडू लगाती है। सारा...