"बच्चा किसी का हो,आखिर है तो बच्चा ही न"
एक ढाबा पर एक छोटा सा लडका था ...जो ग्राहको को खाना खिला रहा था कोई ऎ छोटू कह कर बुलाता तो कोई ओए छोटू वो नन्ही सी जान ग्राहको के बीच जैसे उलझ कर रह गयी हो । यह सब मन को काट रहा था । मैने छोटू को "छोटू जी" कहकर अपनी तरफ बुलाया । वह भी प्यारी सी मुस्कान लिये मेरे पास आकर बोला , "साहब जी क्या खाओगे ? "मैने कहा , " साहब नही; भाईयाँ जी बोलो ! तब ही बताऊगाँ ।"
वो भी मुस्कुराया और आदर के साथ बोला, "भाईयाँ जी आप क्या खाओगे? "मैने खाना आर्डर...
वो भी मुस्कुराया और आदर के साथ बोला, "भाईयाँ जी आप क्या खाओगे? "मैने खाना आर्डर...