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मायानगरी✨
मेरे पिता श्री 1008 गुरु ठरेश्वरी महाराज के भक्त होने के साथ ही उनके श्री नाम पर एक सुंदरकांड मंडल चलाते हैं ये काम वो अपनी पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से करते हैं। एक बार वृन्दावन से श्री राधा वल्लभ मंदिर में उन्हें सुन्दरकाण्ड करवाने का प्रसताव आया सभी बहुत खुश थे और मंडल का हर एक सदस्य वहां अपने परिवार के साथ जाना चाहता था, मैंने जो मायानगरी की माया से अंजान थी, जाने से केवल इस लिए मना कर दिया कि स्कूल में मेरा कोई फंक्शन है..इसका अफ़सोस तो मुझे तब हुआ जब मैंने वहां से आये मेरे माता पिता से इस नगरी की कहानी सुनी पश्चताप की अग्नि में जल रही मैं, उस समय अगली यात्रा का...