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मायानगरी✨
मेरे पिता श्री 1008 गुरु ठरेश्वरी महाराज के भक्त होने के साथ ही उनके श्री नाम पर एक सुंदरकांड मंडल चलाते हैं ये काम वो अपनी पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से करते हैं। एक बार वृन्दावन से श्री राधा वल्लभ मंदिर में उन्हें सुन्दरकाण्ड करवाने का प्रसताव आया सभी बहुत खुश थे और मंडल का हर एक सदस्य वहां अपने परिवार के साथ जाना चाहता था, मैंने जो मायानगरी की माया से अंजान थी, जाने से केवल इस लिए मना कर दिया कि स्कूल में मेरा कोई फंक्शन है..इसका अफ़सोस तो मुझे तब हुआ जब मैंने वहां से आये मेरे माता पिता से इस नगरी की कहानी सुनी पश्चताप की अग्नि में जल रही मैं, उस समय अगली यात्रा का इंतज़ार करने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकती थी.
फिर एक लंबे इंतजार के बाद मुझे मायानगरी में जाने का प्रथम अवसर प्राप्त हुआ ब्रज की भूमि को लोगो ने इतना पावन माना है कि ट्रेन से निकलते ही लोग वहां की धूलि में शाष्टांग करने लगे वहां हम अखंडानंद आश्रम में रुके और स्नान करने के बाद हम पहुंचे श्री बांके बिहारी मंदिर अनेक दरवाजे लगभग सहस्त्र लोग और बंदरो का परिवार वहां कुछ इस प्रकार कि सिर्फ चलते जाने के अलावा हमें और कोई सुध ना थी फिर वो क्षण आया जिस्की जन्म से प्यास थी और जन्मो तक प्यास रहेगी "बिहारी जी के दर्शन" जब मैंने उनके पहली बार दर्शन किए तो अचानक ही वो भीड़ से खुद को अलग पाने लगी जब उनकी आँखों से नजर मिली तो आंखों से आंसू इतनी शिघ्रता से बहे जैसे वो भी प्रभु के दर्शन चाहते हो मैं मंदिर के एक कोने में थी और उन्हें देखती-देखती दूसरे कोने की ओर जा रही थी तब ऐसा लग रहा था कि उनकी आंखें भी मेरे साथ साथ चल रही हैं, विश्वास नहीं होता जब आज भी वो दृश्य को याद करने की कोशिश करू तो सब याद है बस उनकी छवि याद नहीं रहती और तभी उनका मुकुट नीचे गिर गया परदे लगा दिए गए और हम बाहर आ गए मेरा परिवार भीड़ के कारण मुझसे अलग हो गया था मैं एक ही जगह थी और राधे-राधे नाम का जाप कर रही थी तभी एक लंबे बाल वाले साधु जी वहां आए और मेरे साथ बेठ गए मुझसे कहने लगे कि पहली बार आई हो अब इस मायानगरी की माया से बच नहीं पाओगी और जल्दबाजी में चले गए बस ये सोच ही रही थी कि उन्हें कैसे पता चला कि मैं यहां पहली बार आई हूं मेरे माता पिता आगए और हम वहां से चले गए ....केवल बिहारी जी ही नहीं वृन्दावन के प्रत्येक मंदिर में माया शामिल था।
मैं और मेरा परिवार अब प्रत्येक वर्ष वृन्दावन की यात्रा करते है, वहां की माया से मोहित होते जाने के लिए ये जरूरी है।
मेरा आप लोगो से विशेष अनुग्रह है कि किसी भी यात्रा की योजना बनाएं, पहले एक बार श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए अवष्य जाएं और अपना जीवन कृतार्थ करें
इसी के साथ जय श्री राधे..
श्री बांके बिहारी लाल की जय
© @khyati07