...

12 views

सौतन बहने ( कहानी )
घड़ी की दोनों सुईया भाग रही थी । विमला देवी ने सुबह पाँच बजे उठने का अलार्म दिया था पर न जाने क्यो उसकी आँख फिर लग गयी । वह उठी तो घड़ी मे पूरे छह बज चुके थे यानि पूरे एक घंटा लेट । उसने जल्दी जल्दी दातून किया और रसोई घर जाकर सबका नाश्ता और दिन का खाना बनाने मे लग गयी। समय बहुत हो चुका था । सब काम जल्दी से करके उसे अपनी बड़ी बेटी गीतिका के घर जाना था। गीतिका की डिलीवरी जो होने वाली थी । माँ उस काम के लिए नही पहुंचेंगी तो कौन पहुंचेगा । चलो खाना तो बन गया सबको नाश्ता स्नान करके आने के बाद देती हूँ ऐसा विमला देवी ने सोचा । बाथरूम मे वो नल खोलने गयी तो जल्दी की वजह से उसका पाँव फिसल गया अब उसका उठना मुश्किल हो गया और वो दर्द से कराहने लगी । उसने जोर से अपनी छोटी बेटी कामिनी को पुकारा । विमला का पति और कामिनी दौड़ कर चले आये बड़ी मुश्किल से बाथरूम का दरवाजा खोला गया बाद मे वो उसे डाक्टर के पास ले गए जहाँ जाकर पता चला कि विमला देवी के एक पैर मे फ़्रेक्चर हो गया है । बुढ़ी हड्डीयाँ थी गिरने से एक आधे का टूटना वाजिब था। माँ को अपनी चिंता कम और बड़ी लड़की की डिलीवरी की चिंता ज्यादा थी। वो लगातार भगवान को कोस रही थी कि ये सब इसी वक्त क्यो होना था । विमला देवी अपनी छोटी बेटी कामिनी के पीछे लग गयी कि तुम अपनी बड़ी बहन गीतिका के पास उसकी डिलीवरी के लिए चले जाओ । ऐसे वक्त मे अपनी छोटी-सी भांजी तारा का भी ध्यान रखना । उम्र मे कामिनी छोटी न थी पूरे बीस बरस...