प्रपोज डे#८फ़रवरी
वैसे तो किसी भी चीज को कहने के लिए दिन जरूरी नहीं होता...
मगर मुझे मेरे दोस्तो ने एक दिन ओर रोक लिया ये कहकर की कल का दिन खास है....
उसे पाने के लिए जो ना तुम्हारे पास है.....
मै रुक गई...
इतने सालो का इंतज़ार ...
मेरा बेचैन मन.. और दिल था बेकरार....
क्या खूब कहीं ना..
वैसे क्या कहूंगी उससे क्या कहेगा वो..
लग तो ऐसे रहा था जैसे कोई एग्जाम देने जा री हूं ओर कुछ तैयार ही नहीं है
वैसे तो हर रोज कुछ भी...
मगर मुझे मेरे दोस्तो ने एक दिन ओर रोक लिया ये कहकर की कल का दिन खास है....
उसे पाने के लिए जो ना तुम्हारे पास है.....
मै रुक गई...
इतने सालो का इंतज़ार ...
मेरा बेचैन मन.. और दिल था बेकरार....
क्या खूब कहीं ना..
वैसे क्या कहूंगी उससे क्या कहेगा वो..
लग तो ऐसे रहा था जैसे कोई एग्जाम देने जा री हूं ओर कुछ तैयार ही नहीं है
वैसे तो हर रोज कुछ भी...