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मोहब्बत या दर्द पार्ट 2
"आपका आर्डर "'वो जो सामने टेबल पर रखी मोबाइल को खाली खाली नजरों से देख रहा था पीछे से आती आवाज़ पर वो चौंका था
" हँ "'आर्डर? ओह हाँ थैंक यू अली ने खोये खोये लहेजे मे उसका शुक्रिया अदा किया
वो टेबल पर रख के चला गया तो अली एक बार फिर अपने ख्यालों मे खो गया उसकी भूख जैसे खत्म हो चुकी थी
"' सना के मैसेज का क्या मतलब था क्या वो मुझे पसंद करती है और चाहती है मै उसके बाबा से मिलू पर सना को मुझसे मोहब्बत कब हुई उसे तो पता है मै किस दर्द से गुजर रहा हु उसे सब पता है फिर भी उसे मुझसे मोहब्बत की उम्मीद है "'

अली के मन मे एक के बाद एक सवाल उभरते चले जा रहे थे उसे समझ नही आ रहा था वो इस तरह की सिचूशन मे किस तरह रियेक्ट करे
उसने पास्ट मे जो तकलीफ बर्दास्त की थी उसके बाद उसमे हिम्मत ही नही बची थी फिर से रिलेशन मे जाने की उसे आज भी वो दिन याद था जब वो सानिया से मिलने कैंटीन मे आया था
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"अली क्या हो गया तुम्हे तुम ठीक तो हो इस तरह कियों भाग रहे हो "'सानिया जो मोबाइल मे busy थी अचानक अली को भाग के आता हुआ देख के परेशान हो गई
मै... मै ठीक हुँ वो मुझे आयान और ज़ुबैर ने ज़बरदस्ती अपने साथ बाहर ले जाने का प्लैन बनाया था पर मुझे आज तुमसे मिलना था तो किसी तरह बचता बचाता भाग आया हुँ
अली ने अपने आप को सही करते हुए सारी तफसील उसे बताई तो वो मुस्कुरा दी थी

तुम भी अली हद करते हो बाद मे मिल लेते इतना क्या ज़रूरी था सानिया ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ाते हुए समझाने वाले अंदाज़ मे कहा
और अगर मै कहु मुझे तुमसे आज ही मिलना था हर हाल मे तो?अली ने प्यार से सवाल किया था
"'अच्छा जी इतना क्या जरूरी था आज"'
उसने ना समझने वाले अंदाज़ मे पूछा
"'तुम भूल गई सानिया आज के दिन ही मैंने तुम्हे परपोज़ किया था आज का दिन कितना स्पेशल रहता है मेरे लिए तुम्हे तो पता है ना"' अली ने सानिया की आँखों मे देखते हुए मोहब्बत से कहा

"' तुम भी ना अली "'जवाब मे वो हल्का सा मुस्कुराई थी
"' अच्छा रुको मै आर्डर दे दू फिर तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है "'अली ने उठते हुए उसे बताया
"'wow सच मे क्या बताओ क्या सरप्राइज है "'
सानिया ने छोटे बच्चे की तरह खुश होते कहा
"' बिलकुल नही सरप्राइज बता दिया तो वो सरप्राइज कैसे रहेगा तुम बैठो मै आता आर्डर दे के"'
अली मुस्कुराते हुए उसे सोचो मे गुम छोड़े चला गया
"' अरे मेरे भाई आखिर तुम मिल ही गए"'
आयन ने पीछे से उसके कंधे पे हाथ मारते हुए कहा दोनों काफी देर से उसे खोज रहे थे
"'तुम दोनों यहाँ भी कैसे पता चला देखो यार मैंने कहा भी था की मै नही जा पाऊंगा यार "'अली ने साफ साफ लफ्ज़ो मे इंकार किया था

"'हाँ हाँ पता है हमें जनाब अभी ज्यादा busy हैं चलो कोई बात नही फिर कभी चलेंगे"' इस बार जुबैर ने कहा था
थैंक्स यार नेक्स्ट टाइम पक्का चलूँगा I प्रॉमिस
अली ने वादा करते हुए कहा दोनों से कुछ देर बातें करने के अली ने आर्डर दिया और अपने टेबल की तरफ आ गया पर सानिया उसे वहां नही मिली पर उसका मोबाइल वहीँ पड़ा था अली ने परेशान हो के इधर उधर देखा तो एक कोने के टेबल पे सानिया कुछ लड़कियों के साथ वहां बैठी दिख गई अली को समझ आ गया की वो उनसे मिलने गई है इसलिए वो वहीँ उसका वेट करने लगा तभी सानिया का फ़ोन पे कॉल आनी लगी अली ने सोचा सानिया को दे आये पर स्क्रीन पे दानियाल का नाम देख के वो ठीठका कियों की दानियाल सानिया और अली का सीनियर था फिर कुछ सोच के उसने कॉल उठा ली
उसके helo कहने से पहले ही दानियाल की आवाज़ उभरी

""सानिया कहाँ हो तुम कब से मै तुम्हे कॉल लगा रहा हु आखिर कर क्या रही हो तुम और अली को मेरे और तुम्हारे रिश्ते के बारे मे कब बताने वाली हो देखो सानिया इस बारे मे तुम अली को जितना जल्दी हो बता दो मै और वेट नही कर सकता "'

दानियाल की बात थी या अली को लग रहा था जैसे उसके कानो मे पिगला हुआ शीशा डाल दिया गया हो उसे तो यकीन नही हो रहा था जिस सानिया से वो इतनी मोहब्बत करता था वो ही उसके साथ इतना बड़ा धोका करेगी अली ने लरजते हाथो से फ़ोन टेबल पर रख के उसे बंद कर दिया वो अभी खुद को नार्मल करने की कोशिस कर रहा था की सानिया आ गई
"' sorry अली असल मे मुझे नेदा मिल गई थी तो उसने ज़िद करके अपने दोस्तों से मिलवाने ले के चली गई थी "'सानिया ने कुर्सी पर बैठते हुए उसे सारी तफसील बताई
पर अली बस उसे ही देखे चला जा रहा था उसके आँखों मे गुस्सा नही बल्कि दर्द ही दर्द उमड़ रहा था उसका दिल रो रहा था वो चाहता था की वो उससे चीख चीख कर पूछे की उसकी मोहब्बत मे कहाँ कमी रह गई थी पर फिलहाल वो बस उसे देखे जा रहा था शायद उसे अभी भी यकीन नही हो रहा था जो उसने सुना था

continue.......

© zehraan ali