शर्तिया चंदन: उदारता और साहस की कहानी
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
चंदन ने अपनी शरारत भरी आदतों के बावजूद, इस बार का मुकाबला थोड़ा विशेष था। उसने सुना था कि उस नए बगीचे में सबसे स्वादिष्ट आम होते हैं, और वह इस आदान-प्रदान को चुनौतीपूर्ण बनाने के लिए तैयार था।
चंदन ने बड़ी हवेली के बगीचे की ओर बढ़ते हुए देखा कि आमों की टहनियों से भरी शाखाएं उसे सुलझा रहीं थीं। इसे देखकर चंदन की आंखों में चमक आ गई। वह जानता था कि इस बार का मुकाबला कुछ अलग होने वाला है।
वह बगीचे में...
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
चंदन ने अपनी शरारत भरी आदतों के बावजूद, इस बार का मुकाबला थोड़ा विशेष था। उसने सुना था कि उस नए बगीचे में सबसे स्वादिष्ट आम होते हैं, और वह इस आदान-प्रदान को चुनौतीपूर्ण बनाने के लिए तैयार था।
चंदन ने बड़ी हवेली के बगीचे की ओर बढ़ते हुए देखा कि आमों की टहनियों से भरी शाखाएं उसे सुलझा रहीं थीं। इसे देखकर चंदन की आंखों में चमक आ गई। वह जानता था कि इस बार का मुकाबला कुछ अलग होने वाला है।
वह बगीचे में...