...

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शिक्षा और शिक्षक़
एक शिक्षक...
अब तक हर मसले पर कुछ ना कुछ लिखा है मेने
कई दिनों से एक बात कचोटती रही मै अब तक शिक्षक पर कुछ क्यों नहीं लिख पाया..?

खेर देर से आए मगर आए तो सही....
शिक्षक जिसे गुरु-टीचर-अद्यापक या उस्ताद
हर जगह अपनी अपनी ज़ुबान मै
अलग अलग पुकारा जाता है..
यह वह रास्ता है ईस राह के जो पथिक होता है
उसे सम्मान तो खूब मिलता है..
मगर कई बार दूर भावना का शिकार भी होना पड़ता है..
शिक्षक जिस पर अपने सांगिर्द (शिष्य) यों का उज्वल भविष्य बनाने का दबाव कहे या दाईत्व बना रहता है..
एक शिक्षक जो सालो साल जब अपने कर्तव्य को निर्वाह करता है..
तो वह एक तरह से समाज व अन्य गतिविधि से कट सा जाता है..
उसे तो बस ___उसके शिष्य ही उसका सब कुछ है
अग़र...