...

11 views

◆Luck* game and unique quest!★
इस कहानी को शुरु करने से पहले आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार🙏🙏। दोस्तों बात कुछ ज्यादा समय की नहीं है लगभग 6 साल की ही बात है एक लडका था जिस का नाम कमल था कमल एक सीधा सच्चा लडका था कमल सब का आदर करने वाला और नेक स्वभाव का था पिता जी पेशे से किसान थे और माता की स्वथ्य खराब रहता था ऐसे मे कमल की दादी ने उसका पालन पोषण किया था अब दादी भी बुढपे के कारण बहुत दुखी रहती थी एक दिन की बात है की कमल के घर उस की बुआ आयी हुयी थी ।बुआ ने कमल को अपने साथ ले जाने के फैशला कर लिया और कमल को अपने साथ ले गयी अब कमल के लिये वो गाँव अनजान था अब कमल अपनी बुआ के घर रहने लगा कुछ समय मे ही कमल ने सब को अपना बना लिया अब वो गाँव उस को अपना सा लगने लगा अब कमल की बुआ ने उस का दाखिला गाँव के स्कूल
मे करा दिया अब कमल ने पढना लिखना शुरू कर दिया कर प्यार से अनजान कमल ने अपने स्कूल मे एक लडकी को देखा लडकी सुंदर थी पहली बार कमल के दिल मे कुछ हलचल सी हुयी उस को समझ ही नी आ रहा था उस को क्या हो रहा है अब जो उस के दिमाग मे चल रहा था वो था उस लडकी से मुलाकात कमल ने पूरी रात उस के बारे मे ही सोचा जब सुबह हुयी तो उस ने स्कूल जाने की तैयारी की और रास्ते मे उस से मुलाकात करने की मन मे ठान ली स्कूल पहुँचने के बाद उस लडकी को देखा लेकिन बहुत मासूम होने के कारण अपनी बात कह नही पा रहा था लेकिन अपने मन मे चल रहे सैलाब को रोक नही पा रहा था बहुत हिम्मत जुटा पाने के बाद उस ने उस लडकी का नाम पूँछ ही लिया उस लडकी का नाम था आरती ।उस के मन को बहुत सुकुन मिला कमल अब बहुत खुश था शायद ऐसी खुशी कभी महसूस नही हुयी आरती पढने लिखने मे बहुत अच्छी थी अब क्या था कमल और आरती की गहरी दोस्ती हो चुकी थी कमल आरती के घर जाना लगा अपना सारा समय उस के साथ बिताने लगा कुछ समय बीता की कमल की जिदगी मे मोड आया कमल के घरवाले उस को लेने के लिये आ गये अब कमल को ये बात पता चली तो वो बहुत रोया उस को ऐसा लगा मानो उस की दुनिया छीन सी गयी हो अब हो भी क्या सकता था कमल उदास मन से घर चला आया कमल उदास सा रहने लगा लेकिन आरती को भुल नही पाया आरती की सारी खबर अपने दोस्तों से लेता रहा कमल की अब नौकरी लग गयी थी कुछ ही दिन बीते थे एक दिन कमल डयूटी से लोटने के बाद घर जाने के बस स्टैंड पर बस का इन्तजार कर रहा था जैसे ही बस आयी वह तुरन्त बस मे चढ गया उस ने सीट की तरफ देखा तो देखता ही गया उस सीट पर एक लडकी बैठी लडकी को देखकर वो पहचान चुका था की वो कोई और नही बल्कि आरती ही है लेकिन आरती ने कमल की ओर ध्यान नही दिया बेचारा कमल कर भी क्या सकता था चुपचाप बैठा रहा लेकिन वो अपने मन की तडप को किस तरह रोक सकता था उसने एक बार भी हिम्मत चुटायी और बोला आप आरती हो ना लडकी ने जवाब दिया हाँ फिर बहुत सारी बाते हुयी बातो मे पता चला की आरती भी अब उस ही शहर मे नौकरी की तैयारी कर रही थी और अपने रिश्तदोस्तौ मे रहती थी बात करते करते कमल को पता ही नही चला कब उस के गाँव का बस स्टैंड आ गया अब कमल फिर उदास था और बस से उतार कर अपने गाँव की और चल दिया अगले दिन फिर डयूटी पर चला गया बुआ के यहाँ पर शादी थी अगले जो बात वो आरती को कहना चाहता था नही कह पाया लेकिन इस उम्मीद कि शायद शादी मे मुलाकात हो जाये इसलिए शादी मे जाना का फैसला किया और सब की साथ शादी मे चल दिया अब उसकी नजरो को तलाश थी तो वह थी आरती दोस्तो आप के मन मे अब ये शंका हो रही होगी कि कमल उस को वहाँ उस क्यो तलाश कर रहा था चलये मे आप की शंका का समाधान कर देते क्योंकि वो उस गाँव की थी जिस गाँव की कमल की बुआ थी और उनका कमल की बुआ घर आना जाना था कमल की नजरो को मायूसी ही हाथ लगी आरती शादी मे आयी ही नही बेचारा कमल फिर अपने टूटे हुये अरमान लेकर वापस लौट गया कुछ दिन बीत गये अब फिर कमल की बुआ के यहाँ पर शादी थी अब की बार कमल की नजरो के सामने आरती दिखाई पडी वो उस से बात करना चाहता लेकिन डर की वजह से नही कर पा रहा था आरती ने कमल को देखा फिर पहले की तरह नजर अन्दाज कर दिया अब सब कुछ बदल चुका और कमल को भी जवाब मिल चुका था कि जिस आरती को वो चाहता था वो उस को चाहती ही नही कमल के अरमान उस की चाहत शायद उस के दिल मे ही दफन हो के रह गये लेकिन कमल की नजरे आज भी उस को अपने दिल की बात कहने के ढूढती रहती है। ★aashish◆saini●