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एक तरफा प्यार part -1
इस कहानी को जो सामने नर्स बैठे लैपटॉप पर टाइप कर रही थी उसके आँखों के कोर से कुछ खारा पानी ,अब बह चला था ।

बहुत कुछ दिल में दफ़्न करके उस परमात्मा से मिलन को वो आतुर थी ।.जहाँ बस उसकी सुनवाई होनी थी । मैंने उसको बहुत करीब से देखा था ।या यूं कहें कि मैं उसकी परछाई की तरह थी ।बहुत कुछ उसकी तरह आज मुझे भी याद आ रहा है ।

आज फिर से वही बारिश की शुरुआत थी ।वह कहीं धुंधली यादों में खो रही थी ।वह कॉलेज के कैंपस से अपने जॉब तक का सफर जो हम तीनों साथ साथ चले थे। वह दूसरे कॉलेज से ट्रांसफर लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने आई थी और जिससे उसने कभी प्यार किया था ।

वह पहले से इसी कॉलेज में पढ़ता था ।जब पहली बार इन दोनों की मुलाकात हुई थी उस दिन उसका जन्मदिन था । वह बहुत खुश था और सारी लड़कियां उसके birtday की बधाई दे रही थी ।

तभी अचानक से सामने वह हाई हील्स में निकली ।मैं खिड़की से बहुत कुछ देख रही थी ।उसने उससे कहा तुम मुझे जन्मदिन की बधाई नहीं दोगी ?एक बार को तो वह हैरान हो गई ।एक अजनबी शायद इस तरह से बातें करें तो ,दो कदम आगे बढ़ कर फिर वापस आकर बोली हैप्पी बर्थडे टू यू और आगे निकल आई ।


आज उसका पहला दिन था उस सब कुछ जानने पहचानने की कोशिश कर रही थी ।वह लड़का और उसे बिल्कुल अलग था । मैं सबको दूर से बैठकर देख समझ रही थी ।

सभी के अपने ग्रुप बने थे यह कॉलेज मेरे लिए भी नया था ।लिहाजा मैं सबसे दूर एक कोने में बैठी थी । तभी पास आकर कुछ लड़के लड़कियां उसके और मेरे दरमियां बैठ गए ।

उनमें से एक ने बड़े प्यार से उसका नाम पूछा वह कहने लगी मैं अरुंधति हूं ।उसके नाम बताते ही.सब जोर जोर से बोले हमारे नए क्लास के मेंबर से मिलो ? अरुंधति सब उसकीओर देखने लगे । अचानक शांति...