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मित्र :- एक सपना
मित्र, दोस्त ,सखा, बंधु हम अनेक भाषा में अनेक नाम से पुकारते हैं।
आइए

देखते हैं मित्र होता किया है।


मन को तरण या कष्ट को दूर करने वाले को मित्र कहा जाता है ।
लेकिन आजकल हमारे भाषा ही नहीं, मित्र के भाव भी बदल गए हैं, इस बदलाव को हम यह कह सकते हैं कि जो हमारे तन से प्राण को मुक्त करें , मतलब जो हमारे प्राण को ले ले वह हमारे मित्र होते हैं।
मित्र कई प्रकार के होते हैं। जैसे सप्ताह में 7 दिन होते हैं, सब दिन का अपना एक विशेष महत्व है। ऐसे ही हमारे मित्र की भी भिन्न प्रगति , भिन्न स्वभाव वाले होते हैं। हमारे साथ जो कुछ विघटित होता है वह मित्र की ही वजह से घटित होता है।
हमारे मित्र के प्रमुख विशेषताएं !

पहला है:- बाल सखा,(बचपन वाला मित्र ) इसी में कुछ मित्र आगे चलकर हमारे काल सखा बन जाते हैं। समय के अनुसार अपनी परिस्थिति को देखकर 'लाभ-हानि के समीकरण' से आपका मित्र बनते हैं । अपना काम होने के बाद आपको दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देते हैं।
काल सखा , मित्रता के लिए काल की तरह होता है।
यह मित्रता को समाप्त करने के साथ मित्रता को भी लील लेते हैं और गले के नीचे लेने पर डेकार भी नहीं लेते हैं।

दूसरा है :- पाल सखा, ये वह मित्र हो हैं जिनके पालन-पोषण की जिम्मेवारी हमारी होती है यह हमारे सोने के उठने से पहले उपस्थित हो जाते हैं और सोने के बाद जाते हैं , यह बेज्जती और भगाए जाने का बुरा नहीं मानते हैं यह मान और अपमान से ऊपर होते हैं लगभग विद त्यागी अवस्था को प्राप्त कर चुके होते हैं।
तीसरा है 'नहीं' चौथा है: -ढाल सखा , यह हमारे लिए ढाल की तरह काम करते हैं हमारे ऊपर आने वाली हर मुसीबत को अपने ऊपर ले लेते हैं एक शब्द में बोले तो आप अपने कुकर्म का रक्षक मान सकते हैं इनको।

फिर होता है :- जाल सखा, यह मित्र आप के अगल-बगल जाल बिछाने का काम करते हैं ( लेकिन यह सखा होते हैं)
जिससे आप अपने आप को फंसा हुआ महसूस करें ।आप इनके द्वारा इस बंधन से मुक्त हो जाएंगे इस आशा से , आपको यह परिपूर्ण रखते हैं।
यह सरकार एक जाल से निकालकर आपको दूसरे जाल में फंसा देते हैं सब कुछ छोड़ कर :-यह मित्र आपको या आपकी बजाते रहते हैं।

हाल सखा:- यह वह मित्र है जो हर हाल में आपका हाल पूछते हैं इनको आपकी जन्मकुंडली से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक का पता होने का दवा रखते हैं, 'इन्हें आपकी समस्या का उपचार में नहीं' समस्या के प्रचार में आनंद आता है ! प्रचार ही उपचार का मंत्र जुनून से लेकर ,
यह हद तक पालन करते हैं ।
संसार को यह यह यकीन दिला देते हैं कि यही आप के सबसे बड़े सगे हैं। आप इनको 'नहीं' इनके संदेश को हर स्थान पर प्राप्त करेंगे। जहां पर लोग इन्हीं "नोटिस" कर सकेंगे।
इन्हें आप से नहीं आपकी दुनिया से मतलब होता है इनसे आपका रिश्ता बहुत खतरनाक होता है, कभी कभी भगवान को भी बच पाना मुश्किल हो जाता है इनसे।

अब है:- चाल सखा , यह आपकी तरक्की को पहले ही भाप लेते हैं इन्हें पता होता है , कि आप किस चाल में जा रहे हैं। यह आप उसी वक्त पकड़ लेते हैं , जब आप कामयाबी की रराह में होते हैं , आप का मनोबल कितना ही बड़ा क्यों ना हो - फिर भी यह आपके मनोबल को इस तरह बढ़ाने का काम करते हैं कि आप अपनी सफलता का श्रेय इनको दे दे। और आप इनके प्रति अनुगत भाव से भरे रहें ।
किसी तरह चलती गाड़ी से लपक से चढ़ने में विश्वास रखते हैं किसी कारण आपकी गाड़ी रुक जा तो दूसरी गाड़ी में तुरंत लपक कर चढ़ने की कोशिश में रहते हैं।

और माल सखा :-ये आपके नही , आप के पास उपलब्ध माल के सखा होते हैं। लेकिन आप को इस बात की नहीं लगने देते हैं, इनके पास अपनी माचिस नहीं होती है यह आप की माचिस से अपना खाना बनाने वाले रहते हैं।
अब हैं:-लाल सखा:-के सदैव आपके प्रति गुस्से से भरे होते हैं। _______ की आग में जलकर यह लाल रहते हैं, आपको कभी भी इनको छोड़ नहीं सकते हैं क्योंकि यह पहले ही आपको इतना कंफ्यूज कर देते हैं कि आपको लगता है कि इससे बड़ा सच्चा मित्र आप तो कोई है ही नहीं यह आपकी सरेआम खटिया खड़ी रखने में विश्वास रखते हैं परिणाम स्वरूप आप इनको अपने कुकर्म के , रक्षक मानकर इनके साथ चिपके रहते हैं।

फिर है :- गाल सखा, यह सिर्फ आपके पक्ष में गाल लगाने का काम करते हैं गलती से आप फल को सब्जी बता देते हैं, यह तुरंत गाजर को मूली बता देते हैं , तब आपको भी लगता है कि मीठा गाजर ,तीता मूली है।

टाल सखा :- इनका तो जवाब नहीं, यह आपको या आप से संबंध किसी बात को टालने में महारथ हासिल रहते हैं ।
यह सिर्फ आपको टहलाने में विश्वास रखते हैं, यह आपको चला - चला कर इतना उलझा देते हैं कि आपको लगेगा अब मिलेगा अब मिलेगा कि चक्कर में आप इनके चक्कर में लगे रहते हैं, अंत में चकराकर आप के प्राण निकल जाते हैं। लेकिन एक अच्छी बात यह है जिस संसार को आप के बारे में कोई बात पता ना हो, उस को टाल सिखा आपके मरने के बाद उन्हीं सद्गुणों को संसार के सामने इस प्रकार प्रकट करते हैं कि आप एक अच्छे सर्वगुण संपन्न , स्वाभिमानिक इंसान बनाकर दुनिया के सामने उपस्थित करते हैं।

ये आखिरी हैं :- खाल सखा, ये बिलकुल आप के खाल से चपके होते हैं , सूर्य के प्रकाश की तरह होते हैं यह आपसे आप की खाल खींचने में निपुण होते हैं आपकी कॉल उतरवा कर देते हैं अगर आप दुनिया के सबसे बड़े कंजूस है फिर भी आपको अपनी बातें दानवीर कर्ण बना देते हैं कि आप भावना में बहकर किसी को अपना सब कुछ इनको दे दे।

मित्र के एक और प्रकार होते हैं - जैसे परम मित्र, चरम मित्र, नरम मित्रा, गरम मित्र, शरम मित्र, भ्रम मित्र इत्यादि…।
अपने जीवन मे मित्र का महत्त्वपूर्ण स्थान होता हैं।
इसलिए आप इन से, इनके सोच पर नरज डालना चाहिए।
मैं आपको एक बात आना चाहता हूं ,
मित्र एक विचार है इसलिए इसे इंसान मानने की गलती ना करें।
और अंतिम में मित्र और मानसून यही हमारे प्राण को तन से मुक्ति दिलाते हैं।

- शौर्य शंकर


© shourya s. mishra