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"सना मुझे तुम्हें कुछ बताना है.......मुझे पता है कि तुम मेरा यकीन नहीं करोगी..... पर...
"ठीक है मत बताओ ऐसे ठीक हूं मैं ...और वैसे भी मुझे पता तुम कोई कहानी है सुनाओगी इस बार भी...."
सना‌आआआ... पहले बात तो सुन लो मेरी!
प्लीज सना एक बार पूरी बात सुन लेना फिर उसके बाद ही बोलना ......पलीज यार..

अच्छा ठीक है बोलो!

.... मैं ...वो ...कल कही चली गई थी।।
रमा इतने धीरे से बोली की सना को समझ आया या नहीं... पर वो समझ गई थी की रमा फिर से वही बातें लेकर बैठ गई है।
"अच्छा! .....काहां गई थी तुम"?
"पता नहीं ! वह कोई अलग सी दुनिया थी.... इस दुनिया से बहुत अलग था सब कुछ वहां पर!
"दूसरी दुनिया!.... अच्छा..... वैसे है काहा है जे दूसरी दुनिया?"
"मुझे क्या पता!"
"पर तुमने अभी बोला की तुम गई थी!"
"हां गई थी मैं"!
"तो काहा है वो दुनिया?"
"वो .... मुझे कया पता !... पर होगी कही universe में ही... इतना बड़ा तो है Universe!"

"अच्छा "... वैसे तुम गई कैसे थी वहां "?
"वो में सो रही थी उठी तो कहीं और थी मैं"।
"वो तो dream था न फिर..."!
"अरररे....वो तो उठने के बाद फिर... मैं गिर गई थी और फिर सो गई थी "।
" फिर वो तो dream में dream हुआ ना"?
"अरररे सना....वो ना तो dream था ना ही dream में dream....वो तो सच था.... और मुझे तों चोट भी लग गई थी...जे देखो..."रमा ये बोलकर अपना अपना हाथ आगे कर देती है और उसे अपनी चोट दिखाती हैं ।।
" जे चोट कैसे लगी रमा"? सना उसका हाथ ध्यान से देखते हुए, परेशान होकर पूछतीं है।
"तुमहे पता है....वाहा के बच्चे ना Green कलर के थे"। रमा सना की बात को नजरंदाज करते हुए अपनी बात जारी रखती है।
क्या कुछ भी यार, ऐसा नही होता ।
"होता है, मेरे साथ हुआ है.... और वाहा पे जो बड़े लोग थे...वो...उनका Colour नीला था मतलब थोड़ा Dark Colour था।"
"कुछ भी मतलब..... मतलब कुछ भी बोलोगी तुम ऐसा कुछ नहीं होता....ये बस वहम है तुम्हारा और कुछ नहीं... यार... तुम..." बोलते बोलते सना चुप हो जाती है और अपना सिर पकड़ कर बैठ जाती है।
"सना... मैं झुठ नहीं बोल रही यार...trust me ...
ये चोट देखी ना तुमने...ये मुझे वही लगी थी... जब मैं उनसे डर कर भाग रही थी "।

"क्यों डर रहीं थीं'?
वो लोग मुझे stare कर रहे थे... जैसे मैं कोई alien हूं! वाहा कुछ बच्चे थे पहले तो वो डर गए थे मुझे देख कर... फिर मुझे देख कर हंसने लगे... और उनकी हसी...सना... यार इतना अजीब तरीके से हस रहे थे।
रमा बोलते बोलते रुक जाती हैं और फिर से बोलने लगती हैं।
"वो सब आंखे ऐसे बाहर को आ रही थी उनकी।
और वो लोग कोई सीधे भी नहीं चल रहे थे.. एक साइड ज्यादा झुक कर चल रहे थे....
continue...
© Old_Soul