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Zindagi Ek Paheli Part 5
मेरे साथ जो हुआ उसके बाद मैं खुद को खत्म करने जा रही थी, मैं खुद को खत्म कर भी देती मगर अभिनव और पल्लवी ने मुझे बचा लिया,
उन दोनों को मेरी इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया, वो लोग गुस्से में मुझे डांटते जा रहे थे और मैं बस रोए जा रही थी,
"तु जानती है कि हम दोनों तुम्हें पागलों की इधर उधर तलाश कर रहे थे और तूं यह मरने जा रही थी"
मैं कुछ ना बोल पाई और पल्लवी के गले लग कर बहुत  ज्यादा रोई
"क्या हुआ है यार, तुम्हारे और निखिल के बीच झगड़ा हुआ है क्या, जा फिर तुम्हारे घर वालों को तुम दोनों के बारे में पता चल गया है, बता ना क्या हुआ है,देख हमारा दिल बैठा जा रहा है क्या हुआ है बता ना"
"कुछ बाकी नहीं रहा सब खत्म हो चुका है, मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है, मैं मरना चाहतीं हूं, मुझे मर जाने दो"
पल्लवी ने गुस्से में मुझे एक थप्पड़ मारा और मुझे क्या हुआ पुछा
"अगर तूं लव में फेल हो गई तो इस का मतलब क्या तूं अपने आप को खत्म कर देगी"
"लव में फेल होती तो कैसे भी जी लेती लेकिन मैं तो जिंदगी से हार गई हूं"
"देख बात क्या है हमें साफ साफ बता तुझे हमारी दोस्ती की कसम है"
"तुम दोनों को याद है उस दिन जब मैं और निखिल तुम्हें मिलने कैफेटेरिया में आये थे, उस दिन मैं बहुत थक गई थी तो निखिल बोला कि मैं तुम्हारे लिए जूस बना कर लाता हूं, वो मेरे लिए जूस लाया और मैं जूस पीने के कुछ टाइम बाद ही सो गई, अगले दिन से निखिल घर पर नहीं था उसके दोस्तों ने बोला वो अपने घर गया कोई भी उसे फ़ोन ना करें क्योंकि उसके घर थोड़े पुराने जमाने के है, उसके दो दिन बाद संजय की लवर पुजा मेरे पास आई और उसने और संजय ने जो बताया उससे मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई, उसके कुछ दिन बाद मेरी तबियत खराब हो गई ,हम डोक्टर के पास गए तो जो बात डोक्टर ने बोला उसे सुनकर तो मैं बिल्कुल टुट गई"
"साफ़ साफ़ बोल क्या हुआ है"
"मैंने घर आकर संजय से कहा कि तुम निखिल को फोन कर और बोल जल्दी से यहां आऐ, कुछ भी करो मुझे निखिल यहां चाहिए मुझे उससे बात करनी है"
"तो क्या वो आया, तुम्हारी उससे बात हुई"
"आया था ना बात भी हुई लेकिन उस बात ने सब खत्म कर दिया"
"क्या बोला उसने"
"उसने आते ही बोला तो तुमे सब पता चल गया है, हां सब कुछ मैंने ही किया है, तुम्हारे जू्स में उस दिन मैंने नींद की गोलियां डालीं थी ताकि मैं अपने प्लेन को पूरा कर सकूं, और दोखो जैसा मैंने सोचा था वैसा ही हुआ,तो मैंने उससे तुम तो मुझसे प्यार करते थे ना,"
"फिर वो क्या बोला"
"उसने कहा प्यार और वो भी तुमसे मेरे दिमाग में कोई खराबी नहीं है कि मैं तुमसे प्यार करूं, मुझे तो तुम्हारे भाई से बदला लेना था,उस दिन उसने मेरे ही टुकड़ों पर पलने वालों के सामने मेरी इज्जत की धज्जियां उड़ाई थी , उसकी का बदला लेने के लिए मैंने ये नाटक किया, वरना इन नौकरों को अपने पास तक ना आने दूं लेकिन तुम लोगों के कारण मुझे ये भी करना पड़ा ,चलो कोई बात नहीं लेकिन मेरा बदला तो पूरा हो गया ना,
मैंने उससे कहा अगर तुमने यहीं सब करना था तो तुमने मुझसे प्यार का नाटक क्यों किया, तो उसने कहा कि अगर पहले ये सब करता तो दिल को इतना सुकून कैसे मिलता,अब तुम खुद ही देखो ना पूरी जिंदगी कोई तुमसे शादी नहीं करेंगा और मेरा दिया जख्म तुम्हें और तुम्हारे भाई को जीने नहीं देगा,
"लेकिन इन सब में इस बच्चे का क्या कसूर जो तुम्हारा है"
"कैसे साबित करोगी की ये बच्चा मेरा है"
उसके बाद उसने मेरे करैक्टर पर बहुत से सवाल उठाए , मैंने गुस्से में उसके मुंह पर थप्पड़ मारा और वहां से अपने घर गोआ चली आई लेकिन मेरी बदकिस्मती मेरे घर पहुंचने से पहले ही मेरी प्रेगनेंसी की खबर घर पर पहुंच गई,उस दिन पहली बार पापा ने मुझ पर हाथ उठाया , भाईयों ने मुझे  बुरा भला कहा था,जितने दिन मैं घर पर किसी ने मुझसे बात नहीं की, जब कुछ समझ ना आया तो घर छोड़ दिया,अब मैं उने और दुःख नहीं दे सकती थी, और उनकी और इंसल्ट होते नहीं देख सकतीं थीं तो मैंने खुद को खत्म करने का फैसला किया"
"अगर मरना ही सब चीजों का हल होता तो दुनिया में कोई भी दुखी ना होता, मैं जानती हूं जो तुम्हारे साथ हुआ है, वो बहुत बुरा हुआ है , लेकिन तुम ये कैसे भुल गई की अब तुम अकेली नहीं हो तुम्हारे साथ एक जिंदगी और जुड़ी है, उसने ये सब इसलिए किया है कि तुम कभी खुश ना रह सको , तुम्हें लड़ाना होगा अपने लिए भी और इस छोटी सी जान के लिए भी , मैं और अभिनव हमेशा तुम्हारे साथ है, तुम हमारे साथ चेन्नई चलो, वहां जाकर अपना नया जीवन शुरू करना,चलो गाड़ी में बैठो"
अगर उस दिन वो दोनों मुझे नहीं बचाते तो आज मैं और मेरी बच्ची जिंदा ना होते,ना वो मुझे अपने साथ लेकर आते,ना आज हमारी जिंदगी इतनी अच्छी होती।
इन सब बातों के बीच मेरे दिमाग ये सवाल उठ रहा था कि निखिल 25 साल बाद हमारी जिंदगी में क्या बर्बाद करने आया था, दूसरा सवाल जूही के बारे में था कि अगर जूही को पता चल गया कि हमने उसे झूठ बोल उसके पापा के बारे में तो क्या होगा इन्हीं सवालों के समंदर  में ऐसा उलझी पता ही चला कब कुर्सी पर बैठ बैठे सो गई ,आंख तब खुली जब जूही ने कहा
"मां उठो वरना पल्लवी आंटी गुस्सा करेंगी"
मैं जल्दी से उठ कर तैयार हो गई आज अभिनव और पल्लवी की 28 मैरिज एनिवर्सरी है, हम दोनों जल्दी से तैयार हो कर जा रहे थे कि दरवाजे पर निखिल खड़ा था उसकी आंखों में नमी थी,हम दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे, जुबान से एक भी बात नहीं हुई लेकिन एक दूसरे का हाल जरूर समझ गये थे, जूही जल्दी से आती है और मुझे चलो मां कहकर अपने साथ ले गई निखिल हमें देखता रहा
अभिनव के घर पर जाकर मैं सब भुल गई , वहां पर रेहान जो था बहुत ही प्यार बच्चा है वो, अभिनव और पल्लवी ने बहुत लाड़ प्यार से पाला था उसे।
पूरी पार्टी का इंतजाम उसीने किया था, बहुत ही अच्छे इंतजाम किये थे उसने, पार्टी खत्म होने के बाद चले गए थे बस हम लोग ही बचें थे ,तभी अभिनव और पल्लवी ने कहा कि
"हमें तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है"
"हां बोलो ना"
" तुम तो जानती हो ना , जूही हम सब को कितनी अच्छी लगती है , और रेहान और जूही एक दूसरे को अच्छे से जानते भी है, और दोनों एक दूसरे को पसंद भी करते है,
हमने जूही से पुछ लिया है अगर तुम्हें कोई ऐतराज ना हो तो क्या हम लोग हमारी दोस्ती को रिशतेदारी में बदल सकते है"
ये सनुने के बाद मेरे फेस  रिएक्शन देखकर वो सब  डर गये, मैं कुछ देर चुप रह कर बोला
"जब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी"
ये बात सुनकर जूही बहुत खुश हो गई, उसकी खुशी से ज्यादा मेरे लिए और कुछ जरूरी नहीं था।
हमने सगाई की डेट फिक्स की और घर लौट आऐ, जब हम लोग घर वापिस आऐ तो देखा हमारे घर के बाहर बहुत सी गाड़ियां खड़ी थी,जब थोड़ा आगे गये तो वो लोग भी नजर आऐ जो उन गाड़ियों में आऐ थे, मैं समझ गई थी पका कुछ होगा आज , तो मैंने पल्लवी को फोन किया और उन्हें आने के लिए कहा, जूही मुझसे पहले अंदर चली गई, उसने मुझसे कहा"मां कौन ये सब"
मैंने सोचा एक ना एक दिन जूही को पता चलना है तो आज क्यों नहीं, उनमें से कुछ चेहरे मेरे अपनों के थे और कुछ अनजान, मैंने जूही को जीन जीन को मैं जानती थी इंटरव्यूज करवाया , और बाकियों ने खुद को इंटरव्यूज किया,उने देखकर पहले तो जूही को बहुत गुस्सा आया कि इतने सालों तक कहा थे सब आज अचानक हमारी याद आएगी उसकी आंखों में गुस्सा और प्यार दोनों दिखाई दे रहे थे, इससे पहले की वो कुछ बोली अभिनव और उसकी फैमिली आ गये थे। मैंने जल्दी से जूही को रेहान के साथ भेज दिया उन दोनों के जाने के बाद अभिनव ने उन सब से बात की, मेरी ना तो बात करने की हिम्मत थी और ना ही मन था
"आज आप लोगों को याद आई इन दोनों की, अब जाकर आप लोगों को एहसास हुआ कि आप की एक बेटी है और उसका एक बच्चा भी है और आप अब एहसास हुआ कि आप के बेटे ने एक लड़की के साथ कितना गलत किया है और तुम लोग तो दोस्ती के नाम पर कलंक हो, जब इतने सालों तक आप लोगों को इनका ध्यान नहीं आया तो अब क्या करने आये हो"ये बातें करते हुऐ अभिनव बहुत गुस्से में था।
तभी पापा बोले"बेटा तुम बिल्कुल सही कह रहे हो,हम जानते है कि हम लोगों ने बहुत ग़लत किया है मैरी के साथ, जितना निखिल इसका गुनेहगार है उतने ही हम भी है, हमें अपनी बच्ची पर विश्वास करना चाहिए था, लेकिन बेटा ये बात भी उतनी ही सच है कि हमने मैरी को हर जगह पर तराशा था लेकिन जब हमें मैरी ना मिली तो हम थक हार कर बैठ गए, और मैरी का बड़ा भाई आज भी इस ग़म में है कि उसके कारण उसकी छोटी बहन के साथ इतना बुरा हुआ।"
"तो आज आप को कहा से पता चल गया कि मैरी यहां पर है"
"बेटा अगर मैरी अपने घर से दूर रहीं है तो तुमे ये सुनकर खुशी होगी की हमने निखिल को भी घर से निकाल दिया था, हां बेटा जब मैरी वहां गई तो संजय और प्रेम ने हमें सब बता दिया था, उसकी मां ने उसे टाइम दिया था, अगर वो एक महीने के अंदर मैरी को घर ना लेकर आये, तो तुम भी घर पर मत आना, और आज इतने साल हो गए हमने निखिल को नहीं देखा"निखिल के पापा ने कहा
"और बेटा तुम पुछ रहे थे ना की आज हमें कैसे पता चला कि मैरी यहां है, दरअसल हमें एक फ़ोन आया जिस पर किसी ने कहा कि "आप की बेटी चेन्नई में इस पते पर रहती है,हम बिना कुछ सोचे समझे जहां आ गये , और देखो हमें हमारी बेटी मिल गई" पापा ने कहा
अभिनव उनसे बात कर रहा था कि मुझे रेहान का फोन आया, रेहान की बात सुनते ही मेरी सारी दुनिया बिखर गई।


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