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सुनो कहानी ( भाग - २)
अगले दिन भी दुल्हन चिड़िया मेरे दिलो दिमाग में घूमती रही। छज्जे पर दाना चुगती चिड़ियों को मैं बताना चाहती थी कि तुम्हारी जैसी एक चिड़िया जो पिंजरे में कैद है , जाओ उसे आज़ाद करवा लाओ। मगर वो सब मेरे पास जाते ही उड़ जाती थी।

जो काम रोज़ नानी देर रात तक करती रहती थी, वो सब उस रोज मैंने स्वयं कर दिए। आंगन में पानी का छिड़काव किया,आसमान तले सबका बिस्तर लगा दिया , नाना जी के सिरहाने पानी रख दिया।
नानी खुश तो थी मेरे सब कामों से, पर भाव खा रही थी।
"अच्छा ठीक है आज कहानी के बीच में नहीं टोकूंगी,आप आगे क्या हुआ बताओ ना!" मैं कुछ इस तरह से इसरार कर रही थी मानो कोई शराबी शराब पीने के लिए हाथ पैर जोड़ता है ।
"फिर हुआ यूं कि राजकुमार एक दिन पिंजरे में दाना पानी रखना भूल गया।चिड़िया को प्यास लगी और तो वह पानी की तलाश में बाहर उड़ गई। एक नदी पर उसने अपनी प्यास को तृप्त किया ।
जब वो ठंडे जल से अठखेलियां कर रही थी तो उस समय आसमान से शिव पार्वती भ्रमण करते हुए जा रहे थे, पार्वती ने चिड़िया को दुल्हन की भेष में देखा तो उनके मन में काफी प्रश्न आए उन्होंने शिवजी से उन प्रश्नों का उत्तर जानना चाहा ।शिव जी ने बोला कि प्रत्येक इंसान जो कर्म करता है उसको उसे इसी युग में भोगना पड़ता है ।पार्वती बोली आप चाहें तो सब कुछ कर सकते हैं , अगर आप मुझसे प्यार करते हैं तो इस चिड़िया को अभी लड़की बना दो ।"
मैं पूछना चाहती थी कि हम अपने प्यार को कसमों के बंधन में क्यों बांधते हैं पर नानी के रूठ जाने के डर से खामोश रही। नानी अपनी धुन में मगन कहानी सुनाती जा रही थी..
"अब पार्वती मां कुछ कहें और शिव जी भोलेनाथ न मानें ऐसा तो हो नहीं सकता था ।
लड़की बनते ही चिड़िया की खुशी का ठिकाना न रहा। मगर अब मुसीबत यह थी कि उसे पैदल वापिस जाने का रास्ता नहीं पता था । वह वहीं बैठ कर रोने लगी । उधर जब राजकुमार वापिस आया तो चिड़िया को न देखकर बड़ा परेशान हुआ। वह उसकी तलाश में निकल पड़ा।नदी के किनारे एक लड़की को रोते देख उसके पास गया। लड़की ने सब हाल कह सुनाया और बताया कि वो उसकी पत्नी है ।
राजकुमार को विश्वास नहीं हुआ तब उसने अपने गहने और चुनरी उसे दिखाई । राजकुमार खुशी खुशी अपनी दुल्हन को लेकर अपने राजमहल वापिस आ गया।" नानी की पूरी कहानी में मैंने कोई प्रश्न नहीं किया हालांकि काफ़ी सवाल जेहन में थे।
"नानी मुझे भी राजकुमार जैसा दुल्हा चाहिए" मैंने नानी की गोद में सर रखते हुए कहा।
"उस राजकुमार जैसा दुल्हा पाने के लिए तो तुम्हें चिड़िया बनना पड़ेगा " इससे पहले नानी कुछ कहती मेरा भाई मुझे चिड़ाते हुए बोला।
बस फिर क्या था,.... हमेशा की तरह बहन भाई की नोक झोंक एक बात से शुरु हो कर मां की डांट सुन कर ही खत्म हुई।

© Geeta Dhulia