शिवाजी महाराज 🙏🏻
छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन 🙏🏻
अपने शासनकाल के दौरान, शिवाजी महाराज ने मुगल साम्राज्य, गोवालकोंडा की कुतुब शाही, बीजापुर की आदिल शाही और यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों के साथ गठबंधन और शत्रुता दोनों की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अनुशासित सेना और सुसंगठित प्रशासनिक व्यवस्था के बल पर एक शक्तिशाली और प्रगतिशील राज्य का निर्माण किया। तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में किलों की मरम्मत के अलावा, उन्होंने कई नए किले भी बनवाए।शिवराय ने अनुशासित प्रशासनिक संगठनों के साथ एक सक्षम और प्रगतिशील नागरिक सरकार की स्थापना की। उन्होंने प्राचीन हिंदू राजनीतिक परंपराओं, अदालती सम्मेलनों को पुनर्जीवित किया।
जो चूक हमारे पूर्वजों ने की थी।
वह छत्रपति शिवाजी महाराज ने नहीं किया था । पकङे गए शत्रू को कभी भी जीवनदान नहीं दिया .. उलटा ऐसी मौत दी कि, मुगल निज़ाम भयाक्रान्त रहने लगे ।
सवा लाख की सेना लेकर आए अफज़ल खान का वध करने के उपरान्त उसका मस्तक काटकर,शत्रु के सामने से लाकर प्रतापगढ़ के द्वार पर लटका दिया था ।
यह थे वीर शिवाजी महाराज को नमन जय 🙏🏻🙏🏻
© King Vinay
अपने शासनकाल के दौरान, शिवाजी महाराज ने मुगल साम्राज्य, गोवालकोंडा की कुतुब शाही, बीजापुर की आदिल शाही और यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों के साथ गठबंधन और शत्रुता दोनों की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अनुशासित सेना और सुसंगठित प्रशासनिक व्यवस्था के बल पर एक शक्तिशाली और प्रगतिशील राज्य का निर्माण किया। तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में किलों की मरम्मत के अलावा, उन्होंने कई नए किले भी बनवाए।शिवराय ने अनुशासित प्रशासनिक संगठनों के साथ एक सक्षम और प्रगतिशील नागरिक सरकार की स्थापना की। उन्होंने प्राचीन हिंदू राजनीतिक परंपराओं, अदालती सम्मेलनों को पुनर्जीवित किया।
जो चूक हमारे पूर्वजों ने की थी।
वह छत्रपति शिवाजी महाराज ने नहीं किया था । पकङे गए शत्रू को कभी भी जीवनदान नहीं दिया .. उलटा ऐसी मौत दी कि, मुगल निज़ाम भयाक्रान्त रहने लगे ।
सवा लाख की सेना लेकर आए अफज़ल खान का वध करने के उपरान्त उसका मस्तक काटकर,शत्रु के सामने से लाकर प्रतापगढ़ के द्वार पर लटका दिया था ।
यह थे वीर शिवाजी महाराज को नमन जय 🙏🏻🙏🏻
© King Vinay
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