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एक शर्त
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।

आनंद ~ मैं आज उस बगीचे से दश आम लाऊंगा लेकिन उसके बदले तुमको आज के बाद कभी शर्त की जिंदगी नही जीना होगा , और पढ़ाई पर ध्यान देना होगा ।
चंदन ~ ठीक है मैं मान लेता हु ,आज के बाद मैं
ठीक वैसा ही करूंगा जैसा तुम बोल रहे हो ।

आनंद बगीचे में गया , और आसानी से दश के जगा 20 आम के आया ।

चंदन ,का इंतजार इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा उसने सोचा नहीं था।

चंदन ~ इतनी जल्दी तुम आम के आया कैसे ?
आनंद ~ तुमने जिस हवेली के बगीचे की शर्त लगाई थी वो हवेली हमारी और बगीचे का आम भी हमारा 😅😂😂😂😂😂तो के आए ।
आज के बाद शर्त याद रखना नहीं तो ,,हवेली के अंदर तुम होगे ।
चंदन का मुंह बना सा रह गया !
शर्त हार चुका चंदन , का गुरूर मिट्टी में मिल गया ।

© @खामोश अल्फाज़ ©A.k