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जहाँ जंगली जानवर इंसानों को खरीदकर खाते है ( भाग - 6 )
शेर दहाड़ता हुआ बस बहुत कर ली तुमने अपनी बकवास, शेर आगे बोलने ही वाला था की बाघ बीच मे टोकता हुआ ।

बाघ :- क्यों महाराज! आपको किस बात का डर आप तो इस जंगल के राजा है और ये प्रजा आपकी गुलाम "यहाँ तक की मै भी" फिर वह मुस्कुराने लगता है ।

शेर :- गुस्से से बस बहुत हुआ इसके आगे एक शब्द और कहां तो ये तुम्हारी भोली-भाली प्रजा के लिए अच्छा नही होगा ।

बाघ शेर की बात सुनकर चुपचाप एक तरफ जाकर खड़ा हो जाता है और शेर फिर से बोलना शुरू करता है ।

शेर :- मै जानता हूँ आप सभी जंगलवासियो के मन मे कई तरह के सवाल चल रहे होंगे की यह सब कैसे होगा ?

इन सब सवालो के जवाब आपको बहुत जल्द मिलने वाले है ।
मैं आप सभी के समक्ष एक प्रस्ताव  लेकर आया हूँ और आप सभी को आश्वासन दिलाता हूँ ।

आज के बाद कोई...