...

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देश के लिए दिवानगी
पार्ट 2


घर आकर समर को ध्यान आया अरे मैंने शिवानी को अपना नाम तो बताया ही नहीं

फिर खुद को समझाया मैं उसी का क्यों सोच रहा हूँ
मुझे तो आर्मी के टेस्ट मे जाना हैं

दोपहर का मोबाइल पर मैसेज आया
समर बुलेट पर बैठा मन मे भगवान को याद करा

5 मिनट बाद समर पहुंच गया जहां टेस्ट होना था
पहले फिसिकल टेस्ट हुआ
सीना ज्यादा बाहर या ज्यादा अंदर तो नहीं उसमे समर पास हुआ

उसके बाद दौड़ने वाला टेस्ट था
समर दूसरे नंबर पर आया

समर इसमे भी पास हुआ

आखिरी टेस्ट था दम कितना है
सीमेंट की बोरी तोकने को कहा

कई तो तय समय मे रेस को खत्म नहीं कर पाए
पर समर बोरी उठाकर दौड़ रहा था

सभी अधिकारी स्तब्ध रह गए
समर सभी परीक्षा मे पास हुआ और समर को कहा
तुम हर टेस्ट मे पास हुए इसलिए अब तुम्हारी सैनिक बनने की ट्रेनिंग शुरू होगी

कुछ और भी पास हुए
सभी की तीन दिन बाद ट्रेनिंग शुरू हुई

समर शिवानी को लगभग भूल गया था
एक दिन अचानक से शिवानी फिर से मिल गयी
क्या तुम टेस्ट मे पास हो गए

तुम्हें कैसे पता ?

जिन्होनें टेस्ट लिए वो मेरे अंकल है
पर तुम्हें कैसे पता चला वो मैं ही हूँ

पता नहीं
शायद शिवानी नाराज हो गयी समर को ऐसा लगा

सॉरी
पर क्यों ?

मुझे ऐसा लगता है मैंने आपको हर्ट कर दिया
नहीं करा हर्ट पर मुझे आप पसंद आए

दोनों बातें करने लगे

उसी समय काले बादल होने लगे पहले धीरे धीरे
फिर तेज बारिश होने लगी
अब क्या करे दोनों सोचने लगे क्योंकि उनके पास फोर व्हीलर नहीं थी

आसपास देखा कुछ हो जहां थोड़ी देर रुक सके
पर ऐसा कुछ नहीं दिखा

शिवानी को बारिश तो पसंद थी पर ज्यादा गिले होने से उसे छींके शुरू हो जाती थी

शिवानी को जुकाम हो गयी
फिलहाल बारिश मे कोई रुकने जैसी जगह मिलना ही बड़ी बात थी

अन्ततोगत्वा समर को एक झोपड़ी दिखी
समर की आंखे बहुत तेज थी

समर शिवानी को लेकर झोपड़ी के पास तक आया कोई नहीं था उसने कई आवाज लगायी
कोई है क्या बहुत बारिश हो रही है 💦
हमे थोड़ी देर रुकने के लिए जगह चाहिए थी

पर कोई आवाज नहीं आयी
समर झोपड़ी के अंदर गया देखा उसमे कोई नहीं था

समर ने शिवानी को कहा तुम आराम करो थोड़ी देर उतनी अच्छी तो नहीं पर बारिश मे आधार हो सकता है तुम कपड़े सूखा लो मैं बाहर हूं

शिवानी कुछ नहीं बोल पायी
शिवानी मंद मंद मुस्कुराई

अपने कपड़े सुखाने लगी

थोड़ी देर बाद जब कपड़े सूख गए शिवानी ने समर को आवाज लगायी


थैंक्स तुमने आज मेरी बहुत मदद की
तुम बीमार हो जाओगी ये डर लग रहा था

शिवानी ने समर को पूछा क्या चाय मिल सकती है
हम ऐसी जगह है दूर दूर तक कोई नहीं बारिश कम पड़ जाए फिर चलते हैं

एक घंटे बाद बारिश कम हुई
दोनों अपनी अपनी गाड़ी पर निकल गए
जैसे ही चाय की टपरी दिखी

दोनों ने अपनी गाड़ी रोकी अदरक वाली चाय का ऑर्डर करा


थोड़ी देर बाद चाय आयी चाय पीकर समर और शिवानी को लगा जैसे इसी की जरूरत थी

चाय पीकर अपने अपने रास्ते निकल गए
घर जाकर शिवानी ने खुद ही कह दिया बारिश ज्यादा तेज थी इसलिए आने मे देर हुई

रोज समर की ट्रेनिंग चलती रही
सबसे तेज समर सीखता

सर समर से बहुत खुश थे क्योंकि आज से पहले इतना जल्दी कोई नहीं सीख पाया था



अगले पार्ट मे समर का सपना होगा पूरा