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kahaanee hamm sabb kee
ओमशांति

{टाइटल्स खतम होते ही…………}.
सूरज का उदय होता है... अमित का पत्नी अमित को जगाकर “कॉफ़ी” देते हुए “गुड मॉर्निंग केहतीहै। अमित जागकर थायर होकर वाकिंग जानेकेलिए अपना दोस्त का राह देखथे रहती है. शायद ओ सीधे पार्क को ही आजायेंगे ऐसा कहकर अमित चला जाता है
अपने सेकुरिटी गार्ड्स के साथ पार्क पहुंचके, वाकिंग करना शुरू करदेते है....... इतने में अमित का दोस्त मेहरा आजाता है और हस्ते हुए कहता है
" मुझ से नाराज तो नहीं होना मेरे दोस्त" अमित पूछथा है "ऐसा क्यों भला... मई तुम्हारा राह देखथे दैखते पार्क चला आया। .. बाद में वाकिंग खतम करके दोनों रिलैक्स होने लगते है। .. इतने में कुछ लोग उधर आजाते है,और 'लाफिंग थेरपि 'शुरू कर देते है। .. उनलोगोंको देखते ही महरा अपने दोस्त महरा से कहता है " अरे। ... ऐ बहुत हसराहे है। .... शायदशायद इन लोगोंके घरों में खुशियां नहीं मिलतेहोँगे " तब अमित केहताहै " दर्द का एहसास उसीको होता है,जो दर्द सेह्ता है,तुझे या मुझे क्या फर्क पड़ता है अरे कुछतो बदलो यार.. हसनेवाले चेहरे पर भी तुझे दर्द कैसे दिखता है भला" तभी महरा अमित से पूछलेता है
"आजकल तू हँसना ही बंदकरदिया " अमित जवाब देता है …….
" ऐसा कुछ भी नहीं है मेरे दोस्त" ..... इतने मे अमित का बेटे से अमित को फ़ोन आता है….
फ़ोन में अमित के बीटा अमित से पूछता है, " पापा…. आपको घर आने में देरी तो नहीं लगेगी?"
"कल मिलेंगे दोस्त " ऐसा अमित अपने दोस्त मेहरा से केह कर घर चला जाता है।
घर आने के बाद अमित अपने पत्नी से पूछता है " तुमने आज दवा खा लिया क्या.. " पत्नी जवाब देती है " नहीं अभी खालूंगा"
अमित अपने पत्नी से गुस्से में बोलता है... " तुम्हे अपने सेहद के बारे ख्याल है भी या नहीं.. कितनी बार बोलू …. सुनते ही नहीं हो... "
अमित गुस्से से अपने रूम में चला जाते है, और नास्ते केलिएा जाते है। अमित के बेटे, दामाद आकर नास्ता करके दफ्तर केलिए चला जाता है।
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अमित को सोच में पडाहुआ देख कर उनका बेटा उनसे पूछता है.." पापा, क्या सोच रहे हो " अमित कहता है" कुछ भी नहीं बेटा, तुम्हारे माँ को नींद में तकलीफ रहा है." तब बीटा कहता है " पापा... माँ को कुछ नहीं होगा। .. आप टेंशन क्यों लेते हो।" ऐसा केहता है.. तब अमित कहता है " नहीं बेटा नहीं, तुम्हारी माँ कुछ छुपाराही है। उसे एक बार अस्पताल ले जाना पडेगा। ." यह सुनकर बीटा केहता है। .. " हां पापा"
अमित अपने पत्नी से कहता है ”मई अब रिटायर होनेका फैसला लेनेके बारे में सोच रहा हूँ.. अभी बस मैंने अपने जिंदगी में बहुत मेहनत किया, " और अपना पत्नी का हाथ पकड़कर कहते है की " पता नहीं क्यों ,कई दिनों से बहुत इच्छा होरही है ,चलो… कुछ दिन तीर्थ यात्रा होके आते है"
तब पत्नी बोलती है " मैंने आजतक आप के इच्छा को कभी टाला है.. जैसा आप की इच्छा"
अमित कहता है , " मैंने अपने भविष्य को प्यार किया। मेरा जिंदगी बहुत खूबसूरत है, अभी तक की जिंदगी एक तरफ, और आगेआने वाला जिंदगी कैसा होगा या वक्त ही थाई करेगा" अमित की यह बातोंको सुनकर उनकी पत्नी कहता है" मुझे थो बहुत नींद आरहा है , आप भी ज्यादे मैथ सोचो " ऐसा कहकर सोजाती है..

अगले दिन सुभह वाकिंग केलिए जाने से पहले ही अमित अपने बच्चों को बुला के केह देथा है " मैंने अपने स.इ.ओ पोस्ट से रेटिए होनेका फैसला लेलिया '
ऐसा कहकर अमित वाकिंग केलिए पार्क चलेजाते है...



TO BE CONTINUED……………..
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