...

6 views

अजीब जंगल
एक बार एक तालाब था गांव में उसके उसपार एक गीच जंगल था।
उसमें शेर,बाघ,भालू,चीते और शियाल जैसे जंगली जानवर बस्ते थे।

एक काली रात को जंगल में भूल से तोते का परिवार आ बसा।सुबह होते ही भालू जो जंगल का मुखिया था उसने पेड़ो पर हरे हरे तोते का परिवार देखा वह उनकी आवाज़ से चिढ़ गया और गुररा के बोला क्या आप सब को पता नहीं इस जंगल में पंखी और उनकी आवाज़ नहीं आती आप सभी पंखी ओं पर पाबंदी है।
फिर क्या था,धीरे धीरे सारे जानवर इकट्ठा हो गए और जंगल के राजा शेर भी आए।

किसका शोर है यह पंखी कहा से आ टपके।
तोते काप ने लगे बोले माफ करो राजाजी हमें पता नहीं था कि यह वही जंगल जिधर पंखी की कील कील और पंखिओ पर पाबंदी है।

एक चुगलखोर शीयाल धीरे से बोला
कितनी ना इंसाफी ये पंखी तो उच्चे आकाश में उड़ सकते है।
छोटी जगह पर गोस्ला बनाकर बसेरा कर सकते है।
मीठी मीठी आवाज़ निकाल सकते है।

अचानक शेर को अपनी भूल का एहसास हुआ।
वो बोले हम जानवर और इनसान उड़ नहीं सकते इसमें इन पंखी ओ का क्या दोष।यह तो कुदरत का नियम है।
आज से यह भी इधर बस सकते है।
अपनी कील किलाहट कर सकते है।
© prachirav