...

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धौलाधार के पहाड़
ये हैं धौलाधार की हसीं वादिया
डिसेंबर के महीने में जब इनपे बर्फ़ पड़ती है तो ये मानो चमक से पड़ते है
जब भी देखता हूँ इन्हें दिल मानो रुक सा जाता है
इनको छु लेने की भी एक आस सी है दिल में
सोचता हूँ की इन पे एक घर हो मेरा
और उसमें मैं रहूँ उमर भर अपनी हमसफर के साथ
पर ना जाने वो कहाँ होगी अभी
यार मुझे इश्क़ भी उस से हुआ जिसे कभी देखा तक नहीं है मैंने
पर एक दिन जरूर मिलूँगा उस से
एक दिन जरूर मिलूँगा उस से
एक घर बनाऊंगा उस के साथ इन सुंदर पहाड़ों पर
मैं उससे बस यह कहना चाहता हूँ
की बस तुम जल्दी आ जाना
जल्दी आ जाना ❤
कहीं तुम्हारे इंतज़ार में मुझे किसी और से प्यार ना हो जाए
पर तुम्हे जानता भी तो नहीं हूँ हो सकता की जिस से प्यार हो वो हमसफर तुम ही हों
फिर भी मुझे इंतज़ार रहेगा तुम्हारे
मिलूँगा तुम्हे कहीं , यहीं इन वादियों में कहीं।
© The Silent one