...

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"मैं ओस हूँ"
मैं ओस हूँ।
सर्दियों की हर सुबह मखमली घासो पर फैली होती हूँ।
गुलाब की पंखुडियों पर देर तक ठहरती हूँ।🌹🌹
रात के सन्नाटों में पत्तों से फीसलती हुए मधुर संगीत गुनगुनाती हूँ।
पेडो़ की टहनीयों से...