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अधूरा प्यार
एक लड़की थी दीवानी सी, उसका नाम था कोमल जब वह स्कूल जाती थी वह लड़का उसको फॉलो करता था पर वह कभी भी उसको ध्यान नहीं देती थी, एक दिन वह लड़का कोमल के सामने आ जाता है ।और उसको एक लेटर देकर जिस पर उसका नाम और नंबर था।

लड़का का नाम था रोहन कोमल सोच रही थी क्या करें इस नंबर का, फिर उसने सोचा एक बार नंबर ट्राई करके देखते हैं। और उसने नंबर डायल किया उधर से रोहन बड़े प्यार से उसको हेलो बोला और कोमल उसकी आवाज सुनकर तुरंत कॉल कट कर देती है। रोहन को पता लग गया कि यह कोमल ही है और रोहन ने कॉल बैक किया,कोमल हेलो बोलती है दोनों में बातें होती हैं दोनों एक दूसरे से काफी देर तक बातें करते हैं और यह सिलसिला चलता रहा कोमल को धीरे-धीरे रोहन से इश्क होने लगा पर इजहार दोनों ने नहीं किया था ।काफी टाइम के बाद वह दोनों मिलने के लिए प्लानिंग करते हैं ।और एक अच्छे से रेस्टोरेंट में दोनों मिलने जाते हैं रोहन ने कोमल के लिए एक रिंग लाया था ।जो उसको अपने हाथों से पहनाना चाहता था कोमल ने अपना हाथ देने से इंकार कर रही थी। रोहन ने कहा मेरे पहले प्यार का पहला तोहफा कबूल करो कोमल ने अपना हाथ सामने किया और रोहन ने उसके हाथ में रिंग पहना दी, समय के साथ दोनों में बहुत गहरा प्यार हो गया था दोनों घंटो बातें करते थे, एक दिन कोमल की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है उसको हॉस्पिटल ले जाया जाता है उसको पता चलता है उसे कैंसर हुआ है और रोहन से आखरी बार मिलने जाती है रोहन को उसने अपने हाथ से रिंग निकाल कर देते हुए रोने लगती है और कहती है यह हमारा आखिरी मुलाकात है रोहन बहुत समझाने की कोशिश करता है कि तुम्हारे पापा से हम बात करेंगे पर कोमल मना कर देती है और रोहन कुछ सोचता उससे पहले लड़की ने उसे एक लेटर थमा दिया. जिसको उसने पहले से अपने हाथों में पकड़ा हुआ था. यह लेटर उसने कुछ चंद रातों पहले लिखा था.

उस पत्र में उस लड़की ने लिखा था-- "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं. तुम्हारे साथ जीना चाहती हूं. मरना चाहती हूं. लेकिन! आज अगर जीने की ख्वाहिश है, लेकिन मेरे पास अब जिंदगी के कुछ चंद लम्हे बचे हुए है. बस कुछ चंद दिनों की मेहमान हूं, इसलिए तुमसे इजहार नहीं कर पाई. प्यार तो मैंने भी तुमसे बेपनाह किया था. लेकिन मेरी सांसे तुम्हारे साथ नहीं थी. लेकिन इस पत्र के जरिए मैं तुम्हें बताना चाहती हूं कि मेरे जाने के बाद तुम किसी अच्छी लड़की से शादी कर लेना. बस यही मेरी अंतिम इच्छा है.

लड़की के इस लेटर को पढ़ने के बाद लड़का रोने लगा और पास में पड़ी हुई एक बेंच पर लड़खड़ाते हुए बैठ गया. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें. वह अपनी किस्मत पर रोए या अपनी किस्मत पर हंसे....!!!
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