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जीवन चक्र
वो कहते है ना प्रकृति सुंदर के साथ साथ चमत्कारी भी बहुत है,
इसलिए मानव में भी विविधताओं की उपस्तिथि को नकारा नहीं जा सकता
एवं हर उत्पति के पीछे की वजह समझना हमलोग के लिए आसान नहीं होता.
ऐसा कहना गलत नहीं की बहुत हद तक हमारा शरीर प्रकृति की देन है
जो उसी की पंच तत्वों से बनी है,
अब ये बताने की जरूरत तो नहीं पंच तत्व क्या होते है।

आजकल आधुनिक तकनीक वाली दुनिया ये नहीं समझ पाती,
जो भी होता है वो किसी चमत्कार से कम नहीं पर बिना अनुमति के कुछ नहीं हो सकता.
जो जन्मा है वो एक दिन जरूर वहीं पंच तत्वों में विलीन हो जाएगा,
इस सच को आप जितनी जल्दी स्वीकार कर लेंगे, आपकी जिंदगी उतनी ही आनंदमय और आसान हो जाएगी।

हां आप थोड़े समय के लिए सच्चाई से मुंह मोड़ सकते है लेकिन जीवन चक्र की मोह माया से नहीं भाग सकते।
भगवत गीता में भी कहा गया है जो मनुष्य जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित तौर पर लिखी होती हैं और उसका जीवन चक्र कर्मो पर निर्भर करती है।।

© दिल से दीप