खुद से खुद की पहचान
खुद से खुद की पहचान करते करते
रह गये जज़्बात बयान करते करते।
कभी बिना सोचे दिल न माने मेरा,
और कभी किस्मत दिखाये तमाशा
हाथ मलते मलते।
इसकी उसकी सोच कर क्या खुद को
हम पहचान पाये?
जिंदगी बीत गयी खुद से खुद...
रह गये जज़्बात बयान करते करते।
कभी बिना सोचे दिल न माने मेरा,
और कभी किस्मत दिखाये तमाशा
हाथ मलते मलते।
इसकी उसकी सोच कर क्या खुद को
हम पहचान पाये?
जिंदगी बीत गयी खुद से खुद...