संगीत वाला प्यार,,,
संगीत एक बहुत ही सुन्दर रचना है ईश्वर की। जब भी हम उदास होते हैं या बहुत खुश होते हैं हम अक्सर गुनगुनाते है ऐसी ही एक लड़की की कहानी में आपको सुनाना चाहती हूं जो संगीत प्रेमी थी।
एक लड़की थी उमा नाम था उसका वो बहुत ही संगीत प्रेमी थी। जिधर भी गाना सुनती गुनगुनाने लगती थी। वो हसना रोना सब कुछ संगीत के साथ करती थी। कोई दोस्त नहीं था उसका गीतों के आलावा। एक दिन उसको उसके घर के पास बहुत ही प्यारी सी आवाज सुनाई दी कोई गा रहा था गाना।वह अनायास ही उसकी तरफ खींचती हुई चली गई और देखने लगी अवाज कहा से आ रही थी। उसने देखा एक घर में से एक लडके की आवाज थी वो बहुत ही उदासी भरा स्वर था उसका वह बस सुनती ही रह गई उसको,,,
कुछ देर वह रुकी फिर अपने घर आ गई। वो बहुत बैचन रहने लगी क्यूंकि वो आवाज बहुत ही अंदर तक समा गई थी उसके वो उस को दिन भर सुनना चाहती थी। दूसरे दिन सुबह वो वापस वहीं गई । लेकिन आज कोई आवाज नहीं आ रही थी। वो वापस मुड़ी घर जाने के लिए तो उसने देखा एक लड़का उसके पीछे खड़ा है । उस लड़के ने कहा किसी से मिलना है आपको तो उसने कहा नहीं और वो अपने घर आ गई।
रोज वो उस आवाज को सुनने जाती थी । उसको उस आवाज से प्यार हो गया था। और वो लड़का जिसकी वो आवाज थी अक्सर वहीं उसको मिल जाया करता था। एक दिन लडके ने उमा से कहा आप रोज आकर यहां बैठती हैं कुछ देर में चली जाती हैं किसी से मिलना है आपको।
उमा ने हिम्मत जुटा कर कहा कि क्या आप बता सकते है कि सामने वाले घर से किसी के गाने की आवाज आती हैं कभी नहीं आती है आज नहीं आ रही हैं वो कोन ह जो ये गाना गा रहा है। उस लडके ने कहा अच्छा आप उसका गाना सुनने आती हैं रोज। महेश नाम था लडके का । महेश ने कहा हा एक लड़का है। इतना भी अच्छा नहीं गाता उसको चिढ़ाने के लिए बोला,,,, वो बोली आपको संगीत के बारे मै कुछ पता है क्या। वो बहुत अच्छा गाता हैं में उसके लिए यहां आती हूं रोज । महेश सुन रहा था सबकुछ वो अंदर ही अंदर खुश था ये सोच कर कि कोई उसे इतना पसंद करता है लेकिन बाहर से वो कुछ नहीं बोला बस मुस्कुरा रहा था। अब उसको भी उस लड़की से लगाव हो गया था। वो रोज उसका इंतजार करता और जैसे ही वो आती गाना सुनाता उसे । कभी कभी महेश मिलने आता था उस दिन उमा को गाना नहीं सुनता।
ये बहुत दिनों तक चलता रहा । एक दिन वो थोड़ा जल्दी आ गई। महेश नहीं मिला उस दिन ना ही गाना सुना उसने वो बहुत सोचती रही कि आखिर कहा गए ये। वो पार्क में घूमने जाती थी कभी कभी तो वहीं चली गई और चुप चाप बैठ गई। वहां उसे एक लड़की मिली जो महेश कि दोस्त थी। मिली हुई थी वो उमा से एक बार उसने उमा से कहा कि यहां केसे बैठी हो तुम उसने कहा कि आज कोई नहीं था वहां महेश भी नहीं और गाना सुनाने वाले भी नहीं। तब उसने कहा कि तुम्हे नहीं पता क्या महेश ही वो लड़का है जो गाना सुनाता है तुम्हे रोज। वो ही है जो बहुत ही सुन्दर और प्यारी आवाज में गाता है ।
उमा चुप होकर सुन रही थी जैसे उसके दिल ने ये बात मान ली हो क्यूंकि वो महेश कि दोस्ती को पसंद करती थी और उस आवाज को जिसने उन दोनों को मिलाया। वो बहुत खुश थी ये जान कर कि महेश ही है वो जिसके लिए वो हर काम छोड़ कर आती थी और बस उसको दीवानों की तरह सुनती थी
उसने उस लड़की से पूछा तुम्हे पता है महेश कहा गया आज दिख नहीं रहा है में बहुत देर उसके घर के सामने बैठ कर आई हूं। तो उसने कहा कि आज महेश के लिए लड़की देखने गए हैं सब महेश भी साथ ही है। ये सुनकर उमा जैसे रुक सी गई और बिना कुछ बोले वहां से चल पड़ी।
घर पर आयी ये सोचती हुई कि मैने महेश को खो दिया है बहुत चाहने लगी थी वो उसे पर कोई बात नहीं वो खुश रहे बस। घर पर अाई तो देखा भीड़ सी थी कोई मेहमान आए थे। उसकी मां अाई बोली उमा कहा गई थी तुम चलो अन्दर तुम्हे लडके वाले देखने आए हैं।
उमा फिर से आश्चरयजनकरूप से सबको देखने लगी कि मुझे बताया तक नहीं कोई देखने आ रहा है खुद को संभाल नहीं पा रही थी वो बार बार महेश याद आ रहा था। वो अंदर गई तैयार होने लगी। मम्मी से बोली अचानक कहा से आए सुबह तक तो कोई नहीं था। उसकी मां बोली तुम आ जाओ फिर बताएंगे सारी बात। वो अब मेहमानों कि तरफ जाने लगी थी। जैसे ही हॉल में आई फिर से खड़ी रह गई क्यूंकि उसके सामने कोई और नहीं महेश बैठा था।
,,,,,,,, ये पल उसके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था तभी उसके पापा और महेश के पापा आए बोले बेटा हम रोज देखते थे तुमको चुप चाप बैठ कर गाना सुनते हुए। हमें महेश ने भी बताया कि वो तुमसे शादी करना चाहता है बस फिर क्या हम बिना बताए तुम्हे देखने आ गए अब तुम बतादो क्या हमारा महेश तुम्हे पसंद है उससे शादी करोगी। रोज उसके गाने सुनने के लिए। रोज रोज जाना नहीं पड़ेगा तुम्हे वहीं रहो तुम अब,, ये कहते हुए सब हसने लगे ।
उमा नीची नजरो से बस महेश को ही देख रही थीं। उसे ऐसा लगा जैसे तपस्या पूरी हुई है कोई उसकी। उसे वो मिल गया जिसको बहुत दिल से चाहिए था।
ये सब संगीत की वजह से हुआ संगीत ने उसे महेश से मिलाया। अब तो वह संगीत कि पूजा करने लगी थी। ,,,,,,,,,,,,
© #mohini
एक लड़की थी उमा नाम था उसका वो बहुत ही संगीत प्रेमी थी। जिधर भी गाना सुनती गुनगुनाने लगती थी। वो हसना रोना सब कुछ संगीत के साथ करती थी। कोई दोस्त नहीं था उसका गीतों के आलावा। एक दिन उसको उसके घर के पास बहुत ही प्यारी सी आवाज सुनाई दी कोई गा रहा था गाना।वह अनायास ही उसकी तरफ खींचती हुई चली गई और देखने लगी अवाज कहा से आ रही थी। उसने देखा एक घर में से एक लडके की आवाज थी वो बहुत ही उदासी भरा स्वर था उसका वह बस सुनती ही रह गई उसको,,,
कुछ देर वह रुकी फिर अपने घर आ गई। वो बहुत बैचन रहने लगी क्यूंकि वो आवाज बहुत ही अंदर तक समा गई थी उसके वो उस को दिन भर सुनना चाहती थी। दूसरे दिन सुबह वो वापस वहीं गई । लेकिन आज कोई आवाज नहीं आ रही थी। वो वापस मुड़ी घर जाने के लिए तो उसने देखा एक लड़का उसके पीछे खड़ा है । उस लड़के ने कहा किसी से मिलना है आपको तो उसने कहा नहीं और वो अपने घर आ गई।
रोज वो उस आवाज को सुनने जाती थी । उसको उस आवाज से प्यार हो गया था। और वो लड़का जिसकी वो आवाज थी अक्सर वहीं उसको मिल जाया करता था। एक दिन लडके ने उमा से कहा आप रोज आकर यहां बैठती हैं कुछ देर में चली जाती हैं किसी से मिलना है आपको।
उमा ने हिम्मत जुटा कर कहा कि क्या आप बता सकते है कि सामने वाले घर से किसी के गाने की आवाज आती हैं कभी नहीं आती है आज नहीं आ रही हैं वो कोन ह जो ये गाना गा रहा है। उस लडके ने कहा अच्छा आप उसका गाना सुनने आती हैं रोज। महेश नाम था लडके का । महेश ने कहा हा एक लड़का है। इतना भी अच्छा नहीं गाता उसको चिढ़ाने के लिए बोला,,,, वो बोली आपको संगीत के बारे मै कुछ पता है क्या। वो बहुत अच्छा गाता हैं में उसके लिए यहां आती हूं रोज । महेश सुन रहा था सबकुछ वो अंदर ही अंदर खुश था ये सोच कर कि कोई उसे इतना पसंद करता है लेकिन बाहर से वो कुछ नहीं बोला बस मुस्कुरा रहा था। अब उसको भी उस लड़की से लगाव हो गया था। वो रोज उसका इंतजार करता और जैसे ही वो आती गाना सुनाता उसे । कभी कभी महेश मिलने आता था उस दिन उमा को गाना नहीं सुनता।
ये बहुत दिनों तक चलता रहा । एक दिन वो थोड़ा जल्दी आ गई। महेश नहीं मिला उस दिन ना ही गाना सुना उसने वो बहुत सोचती रही कि आखिर कहा गए ये। वो पार्क में घूमने जाती थी कभी कभी तो वहीं चली गई और चुप चाप बैठ गई। वहां उसे एक लड़की मिली जो महेश कि दोस्त थी। मिली हुई थी वो उमा से एक बार उसने उमा से कहा कि यहां केसे बैठी हो तुम उसने कहा कि आज कोई नहीं था वहां महेश भी नहीं और गाना सुनाने वाले भी नहीं। तब उसने कहा कि तुम्हे नहीं पता क्या महेश ही वो लड़का है जो गाना सुनाता है तुम्हे रोज। वो ही है जो बहुत ही सुन्दर और प्यारी आवाज में गाता है ।
उमा चुप होकर सुन रही थी जैसे उसके दिल ने ये बात मान ली हो क्यूंकि वो महेश कि दोस्ती को पसंद करती थी और उस आवाज को जिसने उन दोनों को मिलाया। वो बहुत खुश थी ये जान कर कि महेश ही है वो जिसके लिए वो हर काम छोड़ कर आती थी और बस उसको दीवानों की तरह सुनती थी
उसने उस लड़की से पूछा तुम्हे पता है महेश कहा गया आज दिख नहीं रहा है में बहुत देर उसके घर के सामने बैठ कर आई हूं। तो उसने कहा कि आज महेश के लिए लड़की देखने गए हैं सब महेश भी साथ ही है। ये सुनकर उमा जैसे रुक सी गई और बिना कुछ बोले वहां से चल पड़ी।
घर पर आयी ये सोचती हुई कि मैने महेश को खो दिया है बहुत चाहने लगी थी वो उसे पर कोई बात नहीं वो खुश रहे बस। घर पर अाई तो देखा भीड़ सी थी कोई मेहमान आए थे। उसकी मां अाई बोली उमा कहा गई थी तुम चलो अन्दर तुम्हे लडके वाले देखने आए हैं।
उमा फिर से आश्चरयजनकरूप से सबको देखने लगी कि मुझे बताया तक नहीं कोई देखने आ रहा है खुद को संभाल नहीं पा रही थी वो बार बार महेश याद आ रहा था। वो अंदर गई तैयार होने लगी। मम्मी से बोली अचानक कहा से आए सुबह तक तो कोई नहीं था। उसकी मां बोली तुम आ जाओ फिर बताएंगे सारी बात। वो अब मेहमानों कि तरफ जाने लगी थी। जैसे ही हॉल में आई फिर से खड़ी रह गई क्यूंकि उसके सामने कोई और नहीं महेश बैठा था।
,,,,,,,, ये पल उसके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था तभी उसके पापा और महेश के पापा आए बोले बेटा हम रोज देखते थे तुमको चुप चाप बैठ कर गाना सुनते हुए। हमें महेश ने भी बताया कि वो तुमसे शादी करना चाहता है बस फिर क्या हम बिना बताए तुम्हे देखने आ गए अब तुम बतादो क्या हमारा महेश तुम्हे पसंद है उससे शादी करोगी। रोज उसके गाने सुनने के लिए। रोज रोज जाना नहीं पड़ेगा तुम्हे वहीं रहो तुम अब,, ये कहते हुए सब हसने लगे ।
उमा नीची नजरो से बस महेश को ही देख रही थीं। उसे ऐसा लगा जैसे तपस्या पूरी हुई है कोई उसकी। उसे वो मिल गया जिसको बहुत दिल से चाहिए था।
ये सब संगीत की वजह से हुआ संगीत ने उसे महेश से मिलाया। अब तो वह संगीत कि पूजा करने लगी थी। ,,,,,,,,,,,,
© #mohini