मेरा अफसाना
कुछ दिन हुए पुस्तक मेला देखने गया था
पुस्तकों के बीच खड़ा सोच रहा था
यहीं तो मुलाकात हुई थी
इतने में वो सामने से आती दिखाई दी
जैसे घटाओं में से चांद निकल आया हो
मिलते ही पूंछा क्या हाल चाल है
मेरी छोड़ो अपनी सुनाओ
तुम कैसी हो
सुना है आजकल बहुत
तरक्कियां कर रही हो...
पुस्तकों के बीच खड़ा सोच रहा था
यहीं तो मुलाकात हुई थी
इतने में वो सामने से आती दिखाई दी
जैसे घटाओं में से चांद निकल आया हो
मिलते ही पूंछा क्या हाल चाल है
मेरी छोड़ो अपनी सुनाओ
तुम कैसी हो
सुना है आजकल बहुत
तरक्कियां कर रही हो...