बदलते हुए समाज में लड़की होने के मायने
हमारा समाज बदल रहा है!!
सब कहते है हमारा समाज बदल रहा है।
हम आगे बढ़ रहे है।
लेकिन
फ़िर लड़की होने के मायने आज भी वही क्यों है??
फ़िर क्यों लड़की को हर बात पे जज किया जाता है:
कि उसको घरेलू काम आता है कि नहीं
कि वो घर संभाल सकती है या नहीं
इतना खिलखिला के क्यों हंसती हो लड़की हो ना तो बस मुस्कुराओ,
वैसे क्यों बैठी...
सब कहते है हमारा समाज बदल रहा है।
हम आगे बढ़ रहे है।
लेकिन
फ़िर लड़की होने के मायने आज भी वही क्यों है??
फ़िर क्यों लड़की को हर बात पे जज किया जाता है:
कि उसको घरेलू काम आता है कि नहीं
कि वो घर संभाल सकती है या नहीं
इतना खिलखिला के क्यों हंसती हो लड़की हो ना तो बस मुस्कुराओ,
वैसे क्यों बैठी...