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करोना वायरस का मानव जीवन पर प्रभाव
कोरोना वायरस एक शत्रु है जिसका एक उद्देश्य है जीवन को समाप्त करना और यह वायरस बिन बताए से अचानक से आक्रमण करता है

यह ना किसी से उसकी नागरिकता पूछता है कि व्यक्ति कौन से देश हो और ना किसी से धर्म पूछता है कि आप हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो , ईसाई हो , पारसी हो, बौद्ध हो, यह आक्रमण कर देता है

यह वायरस ना किसी व्यक्ति से उसकी जाति पूछता है कि आप जर्नल, एससी, एसटी, ओबीसी या किसी भी कमजोर वर्ग से हो यह वायरस सिर्फ आक्रमण कर देता है

यह वायरस ना तो किसी भाषा पूछता है कि हिंदी भाषी हो, गुजराती हो, हरियाणवी हो, मराठी हो, बंगाली हो, तमिल हो या फिर तेलुगू यह किसी भी भाषा में बातचीत के समय आक्रमण कर देता है यह किसी भी समुदाय के लोगों मैं आक्रमण कर देता है

यह वायरस ना ही यह देखता है कि आप रोजगार में हो या बेरोजगार हो यह वायरस समय जैसे कि सुबह, दोपहर, श्याम, रात नहीं देखता है यह सिर्फ आक्रमण कर देता है

यह वायरस आपकी पद को नहीं देखता है की कि आप मंत्री हो, गवर्नर हो, प्रधानमंत्री हो, राष्ट्रपति हो, आईएएस ऑफिसर हो, आईपीएस ऑफिसर हो, वकील हो, जज हो, डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, सैनिक हो, सेलिब्रिटी हो , खिलाड़ी हो, मजदूर हो, अमीर हो, एक गरीब हो, विद्यार्थी हो, बूढ़े बुजुर्ग हो, महिला हो या पुरुष हो, पढ़े लिखे हो या बेरोजगार हो, यह किसी को भी छोड़ता नहीं है

यह लकड़ी पर, मेटल्स पर, कपड़ों पर और इंसान के शरीर में जगह ढूंढता रहता है इसकी वजह से कई दुकाने, ऑफिस, कंपनियां, मॉल्स, संगठन, फुटकर व्यापारी, ठेले वाले, रिक्शावाले, बसें, ट्रक, टेंपो, ऑटो, मेट्रो, एयरपोर्ट्स, मंदिर, मस्जिद, पर्यटक स्थल, कोर्ट, चाट भंडार, स्कूल, कॉलेज , यूनिवर्सिटी, शराब के ठेके, कई सरकारी ऑफिस , केंद्र स्तर पर, राज्य स्तर पर, पंचायत के स्तर पर बंद हो गए हैं नगर पालिका, पुलिस, एनजीओ और स्वास्थ्य सेवाएं खुली हुई है

इस बीमारी की वजह से इंसानों के अधिकारों पर रोक लग गई है जैसे कि घूमने का अधिकार, सार्वजनिक स्थानों में घूमना, 5 से अधिक लोगों का इकट्ठा होना, धार्मिक स्थलों पर पूजा पाठ, नमाज, प्रार्थना पर रोक लग गई है

एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से एक मीटर दूर से हाथ मिलाने के दिशा निर्देश दिए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सभाओं पर रोक लग गई और बच्चों के स्कूल की परीक्षाएं रोक लग गई है घर से बाहर निकलने पर हिदायतें दी गई हैं

केंद्र की सरकारें और राज्य की सरकारी इस समस्या के से निपटनेके प्रबंधन में लगे हुए हैं नगर पालिकाओं की दिक्कतें बढ़ गई हैं पुलिस प्रशासन पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं

गरीबों, दलितों, आदिवासियों और मजदूर वर्ग और जरूरतमंदों की आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जा रहा है जैसे जैसे भोजन की व्यवस्था कराना, खाद्य पदार्थों का इंतजाम कराना, मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक और पार्कों में घूमने पर रोक लग गई

पैसों की समस्याएं उत्पन्न हो गई ना पेमेंट कर पा रहे हैं और ना ही पेमेंट रिसीव कर पाए और प्रॉपर्टी के खरीदने बेचने की, शेयर बाजार की, व्यापार की गतिविधियां बंद हो गई

इसके अलावा पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है कि वह बीमारी को गंभीरता से लें और अपनी तथा अपने परिजनों के जीवन को खतरे में ना डालें

कई उद्योगपति दान के लिए आगे बढ़ रहे हैं और इस बीमारी के समाधान के लिए उच्च स्तर पर प्रयोग किए जा रहे हैं