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एक गलती - part 8
Part 8

अब तक हमने देखा की सब जंगल से हॉस्टल में लौट आए हैँ और सब को लग रहा है की मंजू की आत्मा वापस चली गई है . मगर अब वो किशोर के बेड पे बैठी है . तो अब आगे .
किशोर अब बेड पे बैठ कर सर हिला रहा था . और फिर उसने आयुष की और देखा फिर वो बेड से नीचे उतर ने लगा और आहिस्ते से कमरे का दरवाजा खोला और बाहर जाने लगा . तब तक लग भाग 2.30 बज चूके थे . वो आहिस्ते आहिस्ते बाहर चल ने लगा और हॉस्टल का gate कूद कर बाहर जाने लगा . जैसे उससे खुद मालूम नहीं है की वो क्या कर रहा है . उसके ऊपर मंजू की आत्मा पूरी तरह हावी हो चुकी थी . वो फिर उसी जंगल की और जाने लगा . कुत्तों की रोने की आवाज़ आ रही थी . बड़ी भयानक सी आवाज़ थी . वो चलते चलते जंगल के अंदर जाने लगा . चलते चलते ठीक उसी पेड के नीचे पहुँच गया .
वहां पहुँच कर नीचे बैठ गया और अपना सर फिरसे घूमने लगा और तभी उसके अंदर से मंजू की आत्मा बाहर आ गई और किशोर अब होश में था . होश में आते ही उसने चारों तरफ देखने लगा और चारों तरफ बस अँधेरा ही अँधेरा था . वो जोरों से चिल्लाने लगा. उससे लगा शायद ये सब ek सपना है . वो जोरों से चिल्ला कर गालों को थप्पड़ मारते हुए भागने लगा . लेकिन वो भाग भी नहीं पा रहा था और अचानक उसकी आवाज़ भी बंद होने लगी और ठीक उसके सामने उजाला होने लगा एक रोशनी के साथ उसके सामने मंजू की आत्मा खड़ी थी . बाल चहरे को धके हुए . बड़ा भयानक सा मंजर था वो . उसके सामने उस दिन का सारा मंजर होने लगा कैसे वो आई थी रॉ रॉ कर और बहुत देर रोने के बाद कैसे उस ने पेड में रस्सी को बांध कर . ना चाहते हुए भी गले में रस्सी लगा कर आत्महत्या कर ली थी . पैरों को झटकाते हुए . हाथ पैर चटपटाते हुए और दम घूंट कर आख़िर कर जान चली गई और उसके सामने उसकी आत्मा आकर रोने लगी .
क्यों हुआ मेरे साथ ऐसा में छोडूंगी नहीं किसी को . इतना कह कर उसके अंदर मंजू की आत्मा चली गई और वो जमीन से उठ कर ऊपर जाने लगा . दोनों हाथ दोनों पाँव पीछे करते हुए खुद को अंदर ही अंदर दर्द पहुंचा रही थी और उससे ऊपर उठा कर फिर उसके अंदर SE निकल गई . जिस से किशोर ऊपर से नीचे गिरा और मुंह से खून आने लगा . दोबारा फिर उसके अंदर घुस गई . और उसी पेड के उअप्र चढ़ ने लगी . और उस paid ke ऊपर से जाकर उससे नीचे छोड़ दिया . एक आवाज़ के साथ वो नीचे गिरा . इस बार ज़्यादा ऊपर से गिरने की वजसे खून ज़्यादा निकल ने लगा और चहरे पर घाव आने लगा .
फिर उसके अंदर दोबारा चली गई . और फिर बैठ कर अपने चहरे को नोच ने लगी . जिस वजसे उस का चेहरा पूरी तरह बिगड़ चूका था और खून से लटपत था . फिर एक पत्थर उठाने लगा और उसके ऊपर अपना माथा pit ने लगा . अब माथे से भी खून बहुत तेजी से बहना शुरु हो गया था . उसी पेड की शाखाएं बाहर aane लगी और किशोर को बांध ने लगी और उस पेड की एक जड़ आकर किशोर के मुंह में घुस gai. और बाहर खून से लटपत होकर वो जड़ निकल कर आने लगी . किशोर की मौत हो चुकी थी . उसके अंदर फिर मंजू की आत्मा चली गई और उसको लेकर हॉस्टल के gate के बाहर छोड़ कर गायब हो गई . सुबह भी होने वाली थी .
सुबह हो गई . सब बच्चे उठ चूके थे और बाहर आते ही सब ने किशोर को बाहर पड़ा हुआ पाया . जल्दी से phone गया एम्बुलेंस आया और उसको बैठा कर हॉस्पिटल ले गये . जल्दी जल्दी सब में आयुष को बुलाया और आयुष भी उनके साथ हॉस्पिटल गया और किशोर की dead body के साथ उस दिन शाम को सब हॉस्टल पहुंचे थे .
ये सारी बातें आयुष बता कर रोने लगा ... प्रिंसिपल ने कहा ठीक है ये बात उस दिन ही बता देते तो आज ये हाल नहीं होता ...कोई नहीं तुम जाओ कल पंडित को बुला कर सब ठीक कर देंगे . इतना सुन कर उन्हें भी थोड़ी हिम्मत मिली अब दोनों वहां से हॉस्टल में आने लगे . आयुष ने कहा अगर श्याम होता तो शायद आज रॉकी के साथ ऐसा नहीं होता . लेकिन श्याम को आज आ जाना चाहिए था लेकिन पता नहीं वो भी नहीं आया था अभी तक . ये बातें करते करते hostel के अंदर जाने लगे . जैसे तैसे कर दिन बीत गया अब शाम हो रही थी और इनकी धड़कन तेज होने लगी . Self study ख़तम होने के बाद सब ने dinner कर लिया और सत्य और आयुष आज आयुष के कमरे में सोने लगे .
क्या दोनों बच जाएंगे या दोनों की मौत हो जायेगी .? आगे क्या होगा देखेंगे final part में ....