भारत निर्माण
दोस्तों सहनशीलता देखनी हो तो राम की देखो।
सीखना है तो रामचरितमानस पढ़ो।
रामायण के हर अध्य्याय में आपको एक सिख मिलेगी जो
जो आपके जीवन को नई दिशा देगी।
श्री राम का बचपन जब शिक्षा के लिए कुलगुरु वशिष्ठ के आश्रम गए ।
और अल्पआयु में ही शास्त्रों की शिक्षा लिये अपने भाइयों के साथ
अयोध्या वापस आये
तत्पश्चात ऋषि विश्वमित्र के साथ दानवों असुरों के सर्वनाश के लिए वन को गए
तत्पश्चात उनकी शादी माता सीता से हुई
फिर वापस अयोध्या लौटे
कुछ दिनों के बाद राम को वनवास जाने की आज्ञा मिली जो माता कैकयी की इच्छा थी।
राम ने मुस्कुरा के आज्ञा का पालन किया
और भाई भरत को राज काज सौपकर वन को चले गये।
संग में माता सीता और अनुज लछमण भी वन को चले ।
राम भगवान विष्णु के अवतार हैं लेकिन उनका जीवन अभी एक मनुष्य का है
उनका धर्य देखिए।
एक राजकुमार जो कि एक राजा बनकर अयोध्या में राज में करता
उन्होंने सब त्याग कर माता कैकयी को दिए वचनों से मजबूर हुये पिता की वचन की मर्यादा के लिए
अपनी खुशी का बलिदान कर दिया
वहाँ उन्होंने एक सर्वश्रेष्ठ पुत्र होने प्रमाण दिया जो पिता के वचन और माँ की इच्छा दोनों का मान रखकर वन को चल दिये।
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सीखना है तो रामचरितमानस पढ़ो।
रामायण के हर अध्य्याय में आपको एक सिख मिलेगी जो
जो आपके जीवन को नई दिशा देगी।
श्री राम का बचपन जब शिक्षा के लिए कुलगुरु वशिष्ठ के आश्रम गए ।
और अल्पआयु में ही शास्त्रों की शिक्षा लिये अपने भाइयों के साथ
अयोध्या वापस आये
तत्पश्चात ऋषि विश्वमित्र के साथ दानवों असुरों के सर्वनाश के लिए वन को गए
तत्पश्चात उनकी शादी माता सीता से हुई
फिर वापस अयोध्या लौटे
कुछ दिनों के बाद राम को वनवास जाने की आज्ञा मिली जो माता कैकयी की इच्छा थी।
राम ने मुस्कुरा के आज्ञा का पालन किया
और भाई भरत को राज काज सौपकर वन को चले गये।
संग में माता सीता और अनुज लछमण भी वन को चले ।
राम भगवान विष्णु के अवतार हैं लेकिन उनका जीवन अभी एक मनुष्य का है
उनका धर्य देखिए।
एक राजकुमार जो कि एक राजा बनकर अयोध्या में राज में करता
उन्होंने सब त्याग कर माता कैकयी को दिए वचनों से मजबूर हुये पिता की वचन की मर्यादा के लिए
अपनी खुशी का बलिदान कर दिया
वहाँ उन्होंने एक सर्वश्रेष्ठ पुत्र होने प्रमाण दिया जो पिता के वचन और माँ की इच्छा दोनों का मान रखकर वन को चल दिये।
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