...

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Old Soul
अलग ही कल्पना
अलग ही कहानी जीवन से कहीं ना कहीं जुड़ती सी लगे

निकिता
माँ मेरी तबियत खराब है
क्या हुआ तुझे ?
कुछ अच्छा नहीं लग रहा कमजोरी सी लग रही

माँ ने निकिता को पानी लाकर दिया
फिर निकिता की नजर उतारी

अब निकिता को कुछ अच्छा फील हो रहा था

निकिता चिड़चिड़ करती थी
उसे खुद आश्चर्य होता था ऐसी क्या बात है

निकिता अपने आसपास के वातावरण से बहुत जल्दी घुलमिल जाती उसका उसपर बहुत तेज असर होता
यहां तक की टीवी देखते हुए भी

निकिता को भगवान की कृपा से होने वाली घटना का पूर्वाभास पहले हो जाता था

उसने वो सब फील करा जो किसी को समझाना आसान नहीं था

माँ ने एक दिन निकिता को अपने पास बिठाया
बैठ मेरे पास

निकिता माँ के पास बैठी

माँ निकिता से पूछने लगी
क्या तुझे ऐसे सपने आते जिसमें तू कहीं और है या उड़ रही है
हाँ माँ

क्या तुझे होने वाली घटना पहले ही फील होती ?
हाँ माँ

क्या किसी की एनर्जी अपने आप फील होती तुझे जबकि तू उसे नहीं जानती हो तब भी
कभी कभी आभास होता कभी नहीं कभी बहुत powerful लगता जैसे किसी ने शक्ति का संचार कर दिया हो

तू क्या लोगों से बात करते समय सहज रहती या असहज
पता नहीं माँ मुझे अब इस सवाल का एहसास होना ही बंद हो गया अब

अभी तुझे कैसा लग रहा है ?
हल्का लग रहा है

बेटी हम इतने जन्म लेते हैं लोगों को देते जाते देते जाते रिटर्न मिलता नहीं कुछ
देते गए देते तो आत्मा भारी होती जाती
वो अपने स्वभाव को बदलने लगती


इसलिए थोड़ी देर भी प्राणयाम के लिए समय निकालना चाहिए ताकि अंदर से खुलने लग जाये
और लोग जो हमारा नहीं दे रहे वो भी मिले लगता
यही आत्मा के मामले मे भी होता
बेटी ये कोई एक जन्म की बात नहीं है
हमने कई जन्म लिए उनका जो थोड़ा मिला हुआ अगले जन्म तक जाता है तुम्हें जो पहले पूर्वाभास होने लगता वो ध्यान और पिछले जन्म के कारण

ये सुनते ही निकिता माँ के गले लग गयी

निकिता को वो जवाब मिले थे जिससे उसका मन शांत हो गया ।

समाप्त
27/6/2024
5:05 शाम
© ©मैं और मेरे अहसास