खास से आम
अपनी भी हसीं जिंदगानी हुआ करती थी दोस्तो
बचपन से सबके लाडली हुआ करते थे दोस्तो
ना कोई फिक्र ना कोई चिंता होती थी
खुद के मर्जी के मालिक हम हुआ करते थे
आज़ाद पंछियों की तरह हम उड़ा करते थे
जिम्मेदारी...
बचपन से सबके लाडली हुआ करते थे दोस्तो
ना कोई फिक्र ना कोई चिंता होती थी
खुद के मर्जी के मालिक हम हुआ करते थे
आज़ाद पंछियों की तरह हम उड़ा करते थे
जिम्मेदारी...