...

3 views

स्वेटर
क्रिसमस की संध्या शायद सब से सुहावनी संध्या होती है

मेरे माँ कहा करती थी "खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है"

वैसे मैं कभी कोई पार्टी मे नही जाती, पर क्रिसमस की पार्टी केलिए मैं पहले निमंत्रण को मना नहीं करती

जब मैं छोटी थी माँ मुझे बहोत अच्छे से तैयार करती थी, गुलाबी frock पहना कर, मेरे माँ मेरे मेरे बाल बनाती, दो चोटी के बाद गुलाब के फूल वाली रिबन लगाती थी, गुलाबी जुटे, और माँ मेरे लिए हर साल एक स्वेटर बनाती थी वही मुझे गिफ्ट मे मिलता था, मेरे दोस्तों के यहा माँ मुझे छोड़ने आती थी

क्रिसमस की पार्टी मुझे अक्सर मेरी माँ की याद दिलाया करती है

माँ को गए आज तीन साल हो गये थे, माँ बीमार थी शायद उसको पता था, वो भी पापा के पास जाने वाली होगी, इसलिए माँ जाने से पहले हरबार एक ही बात कहा करती थी "ईवा, अब तुम 18 साल की हो गई हो, अब तुम अपना भला बुरा समझ सकती हो, तुम पढ़ने के साथ साथ नौकरी करके कमा भी लेती हो, कल अगर मैं तुम्हारा सपनों का राजकुमार चुनने के लिए अगर मैं इस दुनियामे ना रही, तो भी याद रखना मैं तुम्हें तुम्हारे आसपास ही मिलूँगी, वहाँ आसमानमे  जहा वो मुस्कराता हुआ तारा दिख रहा है ना?  तुम्हारे पापा... उनके पास मैं भी तुम्हें ऐसे ही मुस्कुराते हुए देखूँगी "

माँ के जाने के बाद रोज़ रात को खिड़की से माँ और पापा को मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखकर मैं भी मुस्कुरा लेती

आज भी क्रिसमस है और याना के यहा पार्टी मे निमंत्रण था, याना मेरे साथ काम करती है मेरी सीनियर है पर बहोत अच्छी इंसान है

मैं तैयार होकर आइने मे अपने आप को देख रही थी, और माँ को याद कर रही थी, बाहर बहोत ठंड थी, दो बार स्वेटर पहन ने केलिए अलमारी मे हाथ डाला और दोनों बार स्वेटर वापस रख...