...

2 views

vote
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।

इस दृश्य पर आधारित एक कहानी लिखिए
चाय की टपरी का यह नज़ारा चुनावी माहौल का एक सटीक प्रतिबिंब था। बनवारी लाल, हमेशा की तरह, अपनी चाय की चुस्कियों के साथ राजनीति की दुनिया में खोए हुए थे। अखबार की हर लाइन पर उनकी प्रतिक्रिया होती, और उनकी प्रतिक्रियाएं ही चाय की टपरी में बहस का विषय बन जातीं।
"ये...