...

21 views

चौखट के दरवाजे पे
उन बादलो से भी दोस्ती करनी चाहिए जो कभी बरसते ना हो, वो चाहे बारिश ना दे
लेकिन ठंडी छाव तो दे सकते है,

ज़िन्दगी का सिलसिला भी कुछ ऐसा है,
सारी चीजे ना मिले लेकिन तिनका तिनका हि सही जरुरत कि ईमारत बन रही है |

सिफारिश कि चमच्च से तो ज्यादा अच्छा है की, खुद कि बनाई हुई ईमारत मे सुकून तो है , बरना ईमानदारी हर जगह बिकती है,
चौखट के दरवाजे पे.......
तमाशा हररोज बनता है, इज्जतदार के नाम पे |

© pb