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बूढ़ी अम्मा भाग ६
आज जब सौभ्य कोयली को व माँ को छोड़ कर आया,तब उसे उसका अपना घर बहुत खाली खाली सा लगा।
आज उसे अपने ही घर पे एक दिन एक साल सा लगा।दूसरे दिन वो जल्दी ही ऑफिस चला गया।
उसने सोचा शायद ऑफिस में उसका मन लग जाएगा।
लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।
उसका किसी काम में मन नहीं लग रहा था।
उसकी माँ को गुजरे तो बरसो हो गए थे।
लेकिन उसे कभी ये महसूस नहीं हुआ था उसकी
माँ उसके पास नहीं हैं।
वो जब भी किसी बूढ़ी माँ को देखता उनमें अपनी
माँ को ढूँढता।
माँ की कमी लेकिन आज उसे बहुत खल रही थी।
क्योंकि बेर वाली अम्मा में ही अपनी माँ दिखाई देती थीं।
बेर वाली माँ को भले ही उसकी शक्ल याद न हो
लेकिन वो जब भी ऑफिस से घर पहुँचता माँ इशारे से पूछती बेटा खाना खा लिया।
हाथ मुँह धो उनकी गोदी में लेट जाता।
जब भी लेटता उसे लगता सुकून तो यहीं है
माँ की गोदी में लेटे लेटे सौभ्य सोचता
ये दुनिया सुकून ढूँढ़ने के लिए भटकती क्यों रहती है।
सुकून तो माँ की गोदी में ही है।
आज घर पे उसे लग रहा था जैसे उसका किसी ने सुकून छीन लिया हो।
आज उसे बहुत याद आ रही थी।
जिस माँ को उसने बरसों पहले खो दिया था।
माँ की तस्वीर रह रह के सामने आ रही थी।
कभी वो अपनी माँ को याद करता तो कभी बूढ़ी बेर वाली अम्मा को।
सामने लेकिन बेर वाली अम्मा का ही चेहरा सामने आता।
बेर वाली अम्मा उसे माँ दुर्गाजी जैसी ही दिखतीं थीं।
सुन्दर गोरी चिट्टी बड़ी बड़ी आँखे चेहरे पे झुर्रियों के साथ करुणामयी ममता की झलक दिखती थीं।
बेटी उसकी कोयली पिता पे चली गई थी।
वो साँवली थी लेकिन दिल की सच्ची थी।
अभी वो सोच ही रहा था की ऑफिस के कर्मचारी ने उसे टोका।
आपने फाईल मंगवाई थी।
वो कर्मचारी सौभ्य को देख कहने लगा...
आपकी तबियत कुछ खराब सी लग रही है।
सौभ्य को भी लगा उसे तेज बुखार है।
उसने उस कर्मचारी से कहा मैं घर जा रहा हूँ।
तुम लोग काम खत्म कर के चले जाना।
सौभ्य घर आ बिस्तर पे लेट गया।
बुखार नापने पे उसे पता चला उसे तो तेज बुखार है।
आज उसे बहुत अकेलापन लग रहा था।
मन ही मन सोच रहा था काश उसके पास भी उसका कोई अपना होता।
सिर दर्द से फटा जा रहा था वो रह रह के माँ माँ
की आवाज़ निकाल कराह रहा था।
दुख में हर किसी को माँ ही याद आती है।
सौभ्य के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा था।
तभी उसे लगा कोई उसके माथे पे प्यार से हाथ फेर रहा है।
उसका सिर का दर्द जैसे छूमंतर हो गया।
उसे कब नींद आ गई उसे पता भी न चला।
© Manju Pandey Choubey