दर्द की दास्तां
ये कहानी एक गांव में रह रहे एक परिवार की है, वैसे तो उनके घर में किसी चीज की कमी नहीं थी। उस परिवार में माता और उसके 5 बच्चे थे 4 बेटे और एक बेटी पिता की मृत्यु हो जाती है, एक एक करके सबकी शादी हो जाती है परिवार बढ़ता है पहले बेटे की शादी पहले होती है तो उनके 3 बच्चे होते हैं बेटी, बेटा, और फिर बेटी उससे छोटे बेटे की जब शादी होती है तो जब उसकी बीबी को बेबी होने वाला होता है तो उसके बड़े भाई उसे घर से निकल देते हैं, वो दोनो कुछ दिन पेड़ के नीचे रहते हैं और मिट्टी से अपना घर बनाते हैं अब उस घर में बस पति और पत्नी रहते हैं पति बाहर कमाने चला जाता है इस बीच उसके घर में भी एक बेटी जन्म लेती है।
सब लोग बहुत दुःखी होते हैं क्योंकि बेटी के जन्म से कोई खुश नहीं होता है मगर वो पति पत्नी बहुत खुश होते हैं वो अपने बेटी का जन्मदिन धूम धाम से मनाने को सोचते हैं लेकिन जो उसके बड़े भाई होते हैं उनको कुछ नहीं देते हैं। तो जो उसकी पत्नी मजदूरी करके पैसे जोड़ती थी उन पैसों से उसका जन्मदिन मनाते हैं । (पत्नी का नाम मीना और पति का नाम राजू था)
समय बीतता गया और राजू और मीना की बेटी का नाम रेनू रखा गया। धीरे धीरे सब ठीक हो गया। राजू बहुत सीधा था, वो किसी को कुछ नहीं कहता राजू की जमीन उसके भाई ने हड़प ली, मगर वो पति पत्नी बस यही बोलते की वो हमसे बड़े हैं...
सब लोग बहुत दुःखी होते हैं क्योंकि बेटी के जन्म से कोई खुश नहीं होता है मगर वो पति पत्नी बहुत खुश होते हैं वो अपने बेटी का जन्मदिन धूम धाम से मनाने को सोचते हैं लेकिन जो उसके बड़े भाई होते हैं उनको कुछ नहीं देते हैं। तो जो उसकी पत्नी मजदूरी करके पैसे जोड़ती थी उन पैसों से उसका जन्मदिन मनाते हैं । (पत्नी का नाम मीना और पति का नाम राजू था)
समय बीतता गया और राजू और मीना की बेटी का नाम रेनू रखा गया। धीरे धीरे सब ठीक हो गया। राजू बहुत सीधा था, वो किसी को कुछ नहीं कहता राजू की जमीन उसके भाई ने हड़प ली, मगर वो पति पत्नी बस यही बोलते की वो हमसे बड़े हैं...