...

16 views

दर्द की दास्तां
ये कहानी एक गांव में रह रहे एक परिवार की है, वैसे तो उनके घर में किसी चीज की कमी नहीं थी। उस परिवार में माता और उसके 5 बच्चे थे 4 बेटे और एक बेटी पिता की मृत्यु हो जाती है, एक एक करके सबकी शादी हो जाती है परिवार बढ़ता है पहले बेटे की शादी पहले होती है तो उनके 3 बच्चे होते हैं बेटी, बेटा, और फिर बेटी उससे छोटे बेटे की जब शादी होती है तो जब उसकी बीबी को बेबी होने वाला होता है तो उसके बड़े भाई उसे घर से निकल देते हैं, वो दोनो कुछ दिन पेड़ के नीचे रहते हैं और मिट्टी से अपना घर बनाते हैं अब उस घर में बस पति और पत्नी रहते हैं पति बाहर कमाने चला जाता है इस बीच उसके घर में भी एक बेटी जन्म लेती है।
सब लोग बहुत दुःखी होते हैं क्योंकि बेटी के जन्म से कोई खुश नहीं होता है मगर वो पति पत्नी बहुत खुश होते हैं वो अपने बेटी का जन्मदिन धूम धाम से मनाने को सोचते हैं लेकिन जो उसके बड़े भाई होते हैं उनको कुछ नहीं देते हैं। तो जो उसकी पत्नी मजदूरी करके पैसे जोड़ती थी उन पैसों से उसका जन्मदिन मनाते हैं । (पत्नी का नाम मीना और पति का नाम राजू था)
समय बीतता गया और राजू और मीना की बेटी का नाम रेनू रखा गया। धीरे धीरे सब ठीक हो गया। राजू बहुत सीधा था, वो किसी को कुछ नहीं कहता राजू की जमीन उसके भाई ने हड़प ली, मगर वो पति पत्नी बस यही बोलते की वो हमसे बड़े हैं अच्छा करे या बुरा भगवान सब देखता है। वो दोनो मजदूरी करके अपना घर चला रहे थे, 2 साल बाद उनके घर में एक बेटा हुआ सब खुश थे बेटा होने के खुशी में बेटा 3 साल का हो गया और बेटी 5 साल की उन दोनो का इसी बीच मुंडन कराया गया।
मुश्किलें तो बहुत थी, क्योंकि राजू के घर वाले ही राजू का घर तोड़ना चाहते थे, जब राजू बाहर कमाने जाता तो वो पैसा भेजता अपनी पत्नी के घर चलाने के लिए तो राजू के घर वाले नही देते। जिसके चलते उसकी पत्नी को खेतों में मजदूरी करना पड़ता धीरे धीरे उसके घर में पत्नी मीना और उसके बच्चे बीमार हो गए वो उनकी दवाई किसी तरह करती है,
फिर एक दिन उसका हाथ कट जाता है जिससे खेतों में काम नहीं कर पाती अब उनके घर में खाने को कुछ नहीं था तो कुछ पैसे होते हैं उससे आटा ले आती है पर वो भी राजू के बड़े भाई की पत्नी चुरा लेती है, जिससे उनके घर में 2 दिन तक कुछ नहीं बनता बच्चे भूख से रोते हैं पर उन्हें खाना कोई नहीं देता और न कोई काम, उसके बच्चे और वो भीख मांगने पर मजबूर हो जाती है वो भीख मांग कर दूसरे गांव से लाते तब खाते।
एक साल बाद जब राजू आता है घर तब लोग उसकी पत्नी की चुगुलियां करते हैं और तरह तरह के बातें बनाते हैं जिससे उनके घर में खूब लड़ाई हो होती है राजू अपने भाभी की बहुत इज्जत करता है। इसलिए जब उसकी भाभी ने जो कहा यकीन कर लिया।
अगली सुबह राजू बाहर गया होता है फिर उसकी भाभी आकर उसकी पत्नी को बहुत गाली देती है और राजू को भी गाली देती हैं इसी बीच राजू आता है और सब सुन लेता है जिससे उसे सच्चाई पता चल जाती है, वो मीना से पूछता है तो सब कुछ बताती है और कहती है बाहर जाने का क्या फायदा जब पैसे नहीं भेजना तो , तब राजू कहता है मैने तो हर महीने पैसे भेजे हैं तो उसकी पत्नी कहती है मुझे नहीं मिले तो राजू कहता है मैं पूछता हूं पर उसकी पत्नी मना कर देती है पूछने को। अब राजू घर में ही रहकर काम करता है एक दुकान खोलता है लेकिन राजू के बड़े भाई राजू के नाम से बहुत सारा कर्जा लेते हैं जिसके चलते दुकान में ताला लग जाता है राजू गुस्से में रिर्पोट कर देता है सबके खिलाफ मगर वो लोग पुलिस को पैसे देकर राजू को फसा देते हैं जिससे राजू को बहुत सारे पैसे देने पड़ते हैं, राजू अपने हिस्से की जमीन बेच कर कर्जा चुका देता है।
राजू के घर में एक और बेटा होता है उसका नाम वो दीपक रखता है लेकिन वो बस 8 दिन का होता है, और राजू के छोटे भाई की बीबी उसे मार देती है। राजू उस दिन काम से बाहर गया होता है और अगले दिन आता है तो उसका बेटा मर चुका होता है उसका अंतिम क्रिया के बाद कुछ दिन बीतते हैं फिर उसकी बीबी की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है। उसकी बीबी और बच्चो को कमरे में बंद कर दिया जाता है। 5,6 महीने के इलाज के बाद उसकी बीबी ठीक हो जाती है पर वो अब भी अपने बेटे के कब्र पर जाकर रोती रहती थी। कुछ महीने बाद उसका पति बाहर चला जाता है और इस बीच एक बेटी की जन्म होता है 3,4 दिन ठीक रहने पर वो बहुत बीमार हो जाती है पैसे नहीं होते इलाज के लिए और न खाने के लिए धीरे धीरे सब बीमार हो जाते हैं और राजू जो पैसे भेजता वो राजू के घर वाले नही देते एक दिन 6 दिन की बच्ची दूध से पूरी रात रोती रही मगर घर में गाय भैंस होने के बावजूद दूध नहीं दिया। फिर अगले दिन एक मुस्लिम भाई ने अपने बच्चे के हिस्से का दूध दिया और काफी दिन तक देता रहा उसने मीना को काम भी दिया कुछ पैसे और राशन दिया। मीना की बड़ी बेटी जो 8 साल की थी उसके हाथ खराब हो गए थे छोटा बेटा जो 6 साल का था उसके पैर और अब उसकी छोटी बेटी जो कुछ ही दिन की थी उसके बचने के उम्मीद भी नहीं थी लोगों ने घर से निकलने पर रोक लगा दी और अगर निकलते तो मार कर भगा देते इस ही कुछ महीने बीते पर स्थिति
में कोई सुधार नही आया तो उसी मुस्लिम ने राजू को कॉल करके सब बताया तो राजू उसी दिन वापस आ गया और अच्छे डॉक्टर से इलाज कराया फिर कुछ ही महीने में सब ठीक हो गया तो मीना अपने बच्चो के साथ शहर आ गई।
कुछ महीने बाद जब वो शहर से घर जाती है और राजू को साथ लेकर आ जाती है और शहर में रहने लगते हैं।

और आगे........
abhi bs itna hi aage ki kahani part 2 me dekhenge...
#reality
#problems
#story