बारिश : सुकून
यूं तो कहते हैं कि हर मौसम का अपना अलग ही मजा होता है , ठंड में अलाव जलाकर गर्मी का एहसास करना तो गर्मी के मौसम में AC और Cooler की ठंडी हवा का मज़ा लेना। लेकिन बारिश का मौसम गर्मी और सर्दी दोनो से बहुत अलग है या यूं कहो कि बारिश सुकून का मौसम है। पर कभी कभी बरसात के मौसम में गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि एक पल को भी चैन नही रहता और अगले ही पल जब झमाझम बारिश होती है तो मन खुशी से झूम उठता है। बारिश में भीगने का अपना अलग ही मजा होता है। मुझे बारिश में भीगना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। ये उन दिनों की बात है जब हम Hostel में रह रहे थे। वहां पर जब भी बारिश शुरू होती थी मेरा मन एकदम बेचैन रहता था भीगने के लिए। मेरे लिए बारिश होने का मतलब उसमे तबतक भीगना जब तक बारिश धीमी न हो जाए फिर सुबह दोपहर शाम से कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। मेरी दोस्त को ये डर लगता था कि बारिश में भीगने की वज़ह से मेरी तबियत न ख़राब हो जाए इसलिए वो मुझे जाने नही देना चाहती थी। पर मुझे तो जाना रहता था तो उसके मना करने के बाद भी हम नही मानते थे अंत में वो गुस्सा होकर जाने को बोल देती थी। फिर क्या मेरे मन का तो हो ही जाता था फिर भले ही मुझे हर बार वापस आकर उसे मनाना पड़ता था। बारिश का एक भी दिन ऐसा नही जाता था जब बारिश हो और हम उसमे भीगे नही। और कुछ लोग Hostel के मेरा साथ भी देते थे फिर तो और ज्यादा मज़ा आता था भीगने में। बारिश में भीगने के लिए अपनी दोस्त को बार बार पूछना, उसका गुस्से में मुझे जाने के लिए बोलना, Hostel वालों के साथ बारिश में भीगना ,फिर Aunty के यहां जाकर चाय पीना और फिर Hostel वापस आकर अपनी दोस्त को मनाना, वो भी क्या ही दिन थे। आज भी जब भी जब आसमान में बादल छाए रहते हैं तो हम बड़ी बेसब्री से बारिश के आने का इंतज़ार करते हैं और फिर खूब भीगते हैं और अपने साथ अपने भाई बहनों को भी ले जाते हैं।
© Jaya Tripathi
© Jaya Tripathi