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"प्यार का प्रभाव"
#WritcoStoryPrompt86

आज के दौर में जहां प्रत्येक मनुष्य के अंदर दूसरों के लिए हीन भावना पैदा होती जा रही है। वहीं पर प्यार का महत्व भी ख़त्म ही होता जा रहा है। अब जो भी रिश्ते हैं।बस दिखावे के रिश्ते हैं।मन से कोई भी किसी के साथ नहीं जुड़ा हुआ है।हर कोई दूसरों की तरक्की और उन्नति को देखकर जलता रहता है।जिन रिश्तो में आज भी प्यार बरकरार है।उन रिश्तो की नींव को कोई भी हिला ना सका है।
मेरे नज़र में प्यार वही बरकरार है।यहां पर रिश्तो को अहमियत दी जाती है। आज की युवा पीढ़ी अपनों से बड़ों की बात को कभी नहीं मानती हैं। उन पर अपने माता-पिता के बातों का और प्यार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।वह अपने जिंदगी को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं। अपने माता-पिता की हर बात को अनसुना कर देते हैं।
पर आजकल देखा जाए तो युवा पीढ़ी में अपने मां-बाप के प्यार का प्रभाव ना होकर। किसी अन्य लड़की के प्यार का प्रभाव बहुत पड़ता है। अगर कहीं उसे छोड़कर चली जाए तो उसके लिए मर मिटने को तैयार हो जाते हैं।ये कैसा प्यार है? के किसी लड़की के प्यार के चक्कर में उसको अपने मां बाप के प्यार की भी कोई कीमत नजर नहीं आती।
यही हाल रिश्तो का भी हो रहा है। अपने रिश्तो में प्यार ना ढूंढ कर दूसरों में प्यार ढूंढते हैं।आजकल अपने रिश्तो को छोड़कर अन्य दूसरे लोगों से रिश्ता जोड़ते हैं, और अपने रिश्तो को पीछे छोड़ देते हैं। दूसरे लोगों में वह प्यार और सम्मान ढूंढने की कोशिश करते हैं।जो कि चंद लम्हों की होती है। हमारे बुरे समय में हमारे अपने ही काम आते हैं।वह नहीं जिनके साथ तुम रिश्ते जोड़ रहे होते हो। वह सिर्फ़ आपको दूर से बैठकर सांत्वना ही दे सकते हैं। इससे ज्यादा और कुछ नहीं कर सकते हैं। पर अपने तो आपकी हर सुख दुख में पहुंच ही जाते हैं। चाहे प्यार हो या ना हो।